रेलवे परियोजनाओं में शहरों से लौटे मेहनतकश मज़दूरों को मिलेगा रोजगार

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मनरेगा और संविदा पर मिलेगा काम

राकेश कुमार अग्रवाल

झांसी। उत्तर मध्य रेलवे संविदा कार्य एवं मनरेगा के माध्यम से रेलवे परियोजनाओं में प्रवासी मजदूरों का उपयोग करने का खाका खींच रही है।

इसके लिए जिलेवार रेलवे परियोजनाओं में संविदा कार्य हेतु उपलब्ध मानव दिवस की सूची तैयार की जा रही है।

लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के 20 जिलों, मध्य प्रदेश के 09 जिलों, राजस्थान के 04 जिलों और हरियाणा के एक जिले में फैले उत्तर मध्य रेलवे परिक्षेत्र के विभिन्न परियोजना स्थलों पर संसाधन जुटाना एक कठिन कार्य था और कार्य हेतु आवश्यक जनशक्ति संसाधन प्राप्त करना सबसे बड़ी कठिनाई थी । हालांकि भारत सरकार द्वारा दिए गए चरणबद्ध छूट के साथ, उत्तर मध्य रेलवे ने अपने परिक्षेत्र में कार्य निष्पादन के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों की व्यवस्था की है और क्षमता बढ़ोत्तरी , परिचालन एवं सड़क सुरक्षा सहित सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कार्य प्रारंभ कर दिया है।

महाप्रबंधक उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे राजीव चौधरी ने रेलवे परियोजनाओं और अन्य जनशक्ति गहन कार्यों में प्रवासी मजदूरों के उपयोग का करने की संभावना का पता लगाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे के मंडलों और निर्माण संगठन पर जोर दिया है। यह न केवल मजदूरों को काम का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि इन महत्वपूर्ण अवसंरचनात्मक कार्यों के निष्पादन में भी तीव्रता लाएगा। इस बीच रेलवे बोर्ड ने देश के 116 जिलों की सूची और प्रत्येक जिले में लौटने वाले प्रवासियों की संख्या को सभी ज़ोनल रेलवे को भेजी है और प्रत्येक जिले में रेलवे परियोजनाओं की पहचान करने की सलाह दी है जहाँ इन प्रवासी मजदूरों की सेवाओं का उपयोग संविदा कार्य में सीधे या मनरेगा योजना के माध्यम से किया जा सकता है। रेलवे के फील्ड स्तर के अधिकारियों को स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और ग्राम पंचायतों को संपर्क में रहने के लिए कहा गया है तथा जिलेवार रेलवे परियोजनाओं में संविदा कार्य हेतु उपलब्ध मानव दिवस की गणना करने के लिए भी निर्देशित किया गया है।

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