रोहित तुम बहुत याद आओगे!

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राकेश कुमार अग्रवाल
एक न एक दिन सबको जाना है . कोरोना महामारी ने जीवन और मौत का फासला इतना घटा दिया कि सहज ही विश्वास नहीं होता . एक मौत की सूचना के बाद जैसे तैसे इंसान संयत होने का प्रयास करता है तभी एकाएक दूसरी मौत की खबर आकर झिंझोड देती है . अंदर से हर कोई डरा हुआ है , कोरोना ने सभी को भयभीत कर दिया है .
रोहित का इस तरह एकाएक जाना ये साबित कर गया कि टीवी पर धुरंधरों की बोलती बंद कराने वाले रोहित की बोलती एक अदने से वायरस ने बंद कर दी . रोहित की इलेक्ट्रानिक मीडिया में कैरियर की शुरुआत उसी ईटीवी चैनल से हुई थी जिस चैनल में मैं बतौर रिपोर्टर / काॅपी एडीटर काम करता था . हालांकि रोहित मुझसे काफी जूनियर था . एक बार जब चेयरमैन रामोजी राव सर की मीटिंग में हिस्सा लेने रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद गया तब डेस्क पर रोहित से मुलाकात हुई . रोहित मुझे देखकर अचरज में था . उसके लिए मैं कौतुहूल का विषय था . रोहित ने मेरे से जिज्ञासावश तमाम सवाल किए थे कि आप फील्ड में रहकर रिपोर्टिंग क्यों करते हो ? आपको तो डेस्क पर होना चाहिए था . आप हैंडीकैप्ड हो आपको फील्ड में कवरेज करने में दिक्कत नहीं होती…. जैसे न जाने कितने सवाल . रोहित ईटीवी में भी एंकरिंग कर रहा था . वो मुझे अपने साथ स्टूडियो लेकर गया जहां से खबरों का प्रसारण होता है . मेरे ही सामने उसने कोट पहना , टाई ठीक की . चेहरे पर पफ करने व बाल संवारने के बाद अपने ही अंदाज में खबरों को पेश करना शुरु किया . तभी ये एहसास हो गया था कि इस बंदे में एक स्पार्क है जो इसे आगे लेकर जाएगा . रोहित से हालांकि बाद में मेरा कोई सम्पर्क नहीं रहा . लेकिन आरएफसी में वो छोटी सी मुलाकात ने एक छाप तो छोड ही दी थी .
आज तक और जी न्यूज ज्वाइन करने के बाद पूरा देश रोहित को जानने लगा था . रोहित खबरों से खेलने और कैमरे का माहिर उस्ताद था . बेबाक अंदाज के साथ अपनी बात रखने वाले रोहित का इस तरह जाना दुखी कर गया है .
विनम्र श्रद्धांजलि . मिस यू रोहित !

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