लद्दाख में चल रहे क्लाइमेट फ़ास्ट के समर्थन में राष्ट्रपति को ज्ञापन

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लद्दाख के जल, जमीन और संस्कृति को संवैधानिक संरक्षण की मांग के साथ सड़क पर उतरा साझा संस्कृति मंच।

साझा संस्कृति मच के ज्ञापन में लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा, 6ठी अनुसूची में संरक्षण की मांग शामिल।

वाराणसी , आज दिनांक 27 मार्च 2024 को दिन में 10 बजे साझा संस्कृति मंच के द्वारा जिलाधिकारी वाराणसी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदया को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन लद्दाख में सोनम वांगचुंग के क्लाइमेट फ़ास्ट द्वारा उठाये गए मुद्दों के समर्थन में सौंपा गया, जिसमे उक्त आन्दोलन की सभी मांगो को तत्काल पूरा किये जाने की अपील राष्ट्रपति महोदया से की गय।
ज्ञात हो कि लद्दाख़ के नागरिक अपने पर्यावरण और राज्य को बचाने के लिए आंदोलित है। सोनम वांगचुक 6 मार्च 2024 से कल 26 मार्च तक भूख हड़ताल पर बैठे रहे, जिनके समर्थन में लद्दाख़ के 10 हजार से अधिक नागरिक निरंतर सड़कों पर हैं। लद्दाख़ अपने जैव विविधता, प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय संस्कृति के लिए जाना जाता है। धारा 370 खत्म होने के बाद लद्दाख़ को बड़े कॉरपोरेट घरानों के लूट के लिए खोल दिया गया है जिससे वहाँ के पर्यावरण पर बुरा असर हो रहा है तथा स्थानीय लोगों को आजीविका भी प्रभावित हुई है। इस आंदोलन की प्रमुख माँग है कि

• लद्दाख़ को राज्य का दर्जा देकर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बहाल किया जाए,
• राज्य में एक अलग लोक सेवा आयोग का गठन हो,
• लेह एवं कारगिल को अलग अलग जिला घोषित किया जाए,
• साथ ही, यह आन्दोलन लद्दाख को अनुसूची 6 के अन्दर संरक्षण की मांग भी कर रहा है।

इस आन्दोलन ने स्पष्ट तौर पर यह भी उल्लेखित किया है कि चीन हमारी सीमा के अंदर घुस आया है और लद्दाख में हमारे देश का एक अहम् भूभाग उसके कब्जे में है। यह लद्दाख़ और पूरे देश की सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मसला है जिसे सोनम वांगचुक समेत लद्दाख़ के नागरिकों द्वारा उठाया जा रहा है।

ज्ञापन देने के क्रम में जुटे साझा संकृति मंच के सदस्यों ने बताया कि बनारस के लोग लद्दाख़ के नागरिकों के इस आंदोलन का समर्थन करते हैं। सोनम वांगचुक के अनशन को कूल 21 दिन पूरे हो गए हैं लेकिन सरकार इस पूरे मामले पर उदासीन रवैया अपनाए हुए है। इन्ही मुद्दों की तरफ माननीय राष्ट्रपति महोदया का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश में ज्ञापन सौंपा गया है। लद्दाख के पर्यावरण का संरक्षण केवल वहीं के लिए जरुरी नही है, बल्कि जिस तरह पुरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन हो रहा है, उस पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय स्तर पर उठाये गए कदम ही कारगर होंगे।

आज के इस ज्ञापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से राम जनम, वल्लभाचार्य पाण्डेय, जागृति राही, अनूप श्रमिक, सिस्टर फ्लोरिन, नन्दलाल मास्टर, इंदू पांडेय, धनंजय, एकता, प्रदीप सिंह, अमृता, जनक नंदिनी, आनंद प्रकाश तिवारी, ओम प्रकाश, हौसला प्रसाद, मनीष शर्मा, सिस्टर बेंसिता, इर्मिला देवी, रमेश प्रसाद, मिथिलेश दूबे, राजकुमार पटेल, हेमंत यादव, राजकुमार गुप्ता समेत बनारस के अन्य लोगों ने हिस्सा लिया।

रिपोर्ट – राजकुमार गुप्ता

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