रिपोर्ट- Sandeep kumar fiza
लालगंज रायबरेली। लंबे समय बाद लगे लॉकडाउन का जिले में व्यापक असर दिखा। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में भी दुकानों के ताले नहीं खुले। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। बुहत जरूरी काम से ही लोग घरों से निकले और पुलिस की टोकाटाकी के बीच गंतव्य तक पहुंच सके। छोटे कारोबारियों ने भी लॉकडाउन का पालन किया और दुकानें नहीं खोलीं। यहां तक कि फल और सब्जी वालों ने भी दुकान लगाना उचित नहीं समझा, जबकि उनकी दुकानों को बंद से मुक्त किया गया था।
सुबह के समय इक्का-दुक्का वाहन आते-जाते दिखे लेकिन दोपहर होने से पहले ही लोग घरों को लौट गए। खास बात यह कि पुलिस को बहुत सख्ती भी नहीं करनी पड़ी। आटो या बाइक सवारों को रोककर आवागमन का कारण जरूर पूछा गया।
सरकार ने काेरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सप्ताह में एक दिन के लॉकडाउन का एलान किया है। मकसद यह कि इस दौरान बाजारों को सैनिटाइज करके काेरोना के चेन को तोड़ा जा सके। बंदी के दौरान नगर पंचायत की ओर से टैंकर लगाकर दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों के बाहरी हिस्से को सैनिटाइज किया गया।सरकार के 35 घंटे के लॉकडाउन का सदुपयोग नगर पंचायत लालगंज ने कोरोना संक्रमण का चेन तोड़ने में बिताया।नगर पंचायत परिसर समेत सभी इलाके में सैनिटाइजेशन एवं साफ-सफाई करने पर जोर दिए। रेलवे स्टेशन, मेन रोड समेत घनी आबादी वाले इलाकों पर जबरदस्त फोकस रहा