लॉकडाउन प्रभावितों एवं जरूरतमंदों की सेवा के लिए उठे हजारों हाथ

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वह न मस्जिद जानता है, ना शिवाला जानता है, भूखा पेट केवल निवाला जानता है…

दीपचन्द मिश्रा

बछरावां,रायबरेली। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तमाम स्वयंसेवी संस्थाएं गरीबों, असहायों बेघर और गरीबों की मदद के लिए आगे बढ़ चढ़कर आ रही हैं।  उसी सिलसिले में स्थानीय निवासी रितेश मिश्रा उर्फ सोनू और उनके साथी जर्रार हुसैन प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश और उनके  मित्र गण गरीबों और बेघरों को भोजन और पानी की व्यवस्था में 27 मार्च से लगातार अनवरत सच्ची सेवा भाव से मदद कर रहे हैं।

गांव-गांव और पूरे जनपद में जा जाकर जरूरतमंदों को खाने का पैकेट पानी और अन्न की व्यवस्था हृदय से कर रहे हैं। रितेश मिश्रा के अनुसार हम और हमारी टीम तब तक यह कार्य करती रहेगी जब तक लॉक डाउन रहेगा

रितेश मिश्रा का एक ही उद्देश्य है। गरीबों और जरूरतमंदों को रोटी पहुंचाई जाए। इस कार्य को करने में उनका लगभग 30,000 रुपये प्रतिदिन लगता है ।

जब संवाददाता ने उनसे पूछा की इसकी प्रेरणा आपको कहां से मिलती है तो उन्होंने बताया कि वह ना मस्जिद जानता है न शिवाला जानता है ,भूखा पेट केवल निवाला जानता है।

Angad Rahi

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