लॉकडाउन में ट्रेन से आए मुसाफिर हुए परेशान साधन के लिए हुई जद्दोजहद

4

रिपोर्ट- Sandeep kumar fiza

रायबरेली। लॉकडाउन में शनिवार को रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों से आए यात्रियों की अपनी अलग परेशानी रही। लंबी दूरी का सफर करके परिवार के साथ लौटे यात्रियों को घर जाने के लिए वाहन की तलाश करनी पड़ी।
कई यात्रियों ने पहले से ही अपना वाहन मंगा लिया था तो कोई यात्री आटो और ई-रिक्शा पर बैठकर चले गए। जिन्हें वाहन नहीं मिल सका, वे स्टेशन पर कई घंटे तक वाहन का इंतजार करते रहे या फिर पैदल ही चले गए।
शुक्रवार रात से लॉकडाउन लगा, जो सोमवार सुबह तक लगा रहेगा। रोज सफर करने वाले लोग भले ही घरों से नहीं निकले, लेकिन लंबी दूरी का सफर करके ट्रेनों से आए यात्रियों को लॉकडाउन के दौरान रेलवे स्टेशन पर उतरना पड़ा।लॉकडाउन के कारण आम दिनों की तरह ऑटो या ई-रिक्शा मिलना मुश्किल हो गया। आम दिनों में रेलवे स्टेशन पर ऑटो और ई-रिक्शा वालों की इतनी भीड़ रहती है कि यात्रियों को बाहर निकलना मुश्किल हो जाता था, लेकिन लॉकडाउन में कुछ ऑटो और ई-रिक्शा वाले ही नजर आए, जो ट्रेनों से आए यात्रियों की संख्या को देखते हुए नाकाफी रहे। इस वजह से यात्रियों में ऑटो और ई-रिक्शा पर सवार होने की होड़ रही।
लॉकडाउन लगा है, इस बात को जानकर ट्रेन से आए कई यात्रियों ने अपने वाहन पहले से ही स्टेशन पर मंगा लिए थे। कई लोगों के वाहन समय से न आने, ऑटो और ई-रिक्शा न मिल पाने के कारण उन्हें इंतजार करना पड़ा।
इससे कई यात्री फुटपाथ पर बैठे दिखे, ताकि कोई ऑटो या ई-रिक्शा मिले तो घर जा सके। शनिवार को दोपहर में उस समय रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी रही, जब हावड़ा से अमृतसर और अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल, वाराणसी से देहरादून जाने वाली जनता मेल यहां पहुंची। इन ट्रेनों से 150 से अधिक यात्री पहुंचे। जिन्हें घर जाने के लिए वाहन नहीं मिल सके, वे भटकते रहे या फिर पैदल ही घर लौटना पड़ा।
जिसे जहां जगह मिली, बैठ गया
ट्रेनों से जाने वाले यात्री रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर बैठे रहे। लॉकडाउन लगा था, जिससे बाहर भी नहीं निकले। ट्रेन भले ही लेट रही हो, लेकिन तय समय से काफी पहले स्टेशन पहुंचे यात्रियों को जहां खाली जगह मिली, वहीं बैठ गए या फिर लेटकर आराम करने लगे। ट्रेनों के इंतजार में बच्चे मोबाइल पर गेम खेलते नजर आए। आरपीएफ और जीआरपी के सिपाही प्लेटफार्म पर गश्त करते दिखे तो बाहर सिविल पुलिस सतर्क रही।

Click