वाराणसी में नौनिहालों के अधिकारों का मास्टर साहब कर रहे हैं शोषण

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उच्चाधिकारियों को डिजिटली शिकायत कर दोषियों को दण्डित करने की माँग

सरकारी शिक्षा के नाम पर नौनिहालों के अधिकारों का हो रहा है लगातार हनन एवं शोषण- राजकुमार गुप्ता

जय शिक्षा विभाग, जय व्यवस्था,जय जुगाड़।

वाराणसी:  चिरईगांव क्षेत्र के सरकारी स्कूल में विभिन्न कक्षाओं के बच्चों को पढऩे के लिए चिलचिलाती धूप में किताबें ढोनीं पड़ रही है। उसके बाद ही उनकी पढ़ाई शुरू होती है। स्कूल के सत्र के शुरुआत में शिक्षकों द्वारा बच्चों को किताबें ढुलवाया जा रहा है।

इन बच्चों का कहना है कि अगर किताब नहीं लाते हैं तो शिक्षक नाराज होते हैं। इतना ही नहीं बच्चों का शिक्षा भी बाधित होता है।

हिमाद्री ट्रस्ट के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने पूरे मामले की प्रकाशित ख़बर की कटिंग बाल आयोग, डीएम, बीएसए, बीईओ, श्रम विभाग को जरिये डिजिटली दोषियों के खिलाफ माकूल कार्यवाही की शिकायत करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही रोक लगा दी है। बच्चों से किताबें ढुलवाना आरटीई एक्ट के अंतर्गत इन बच्चों का शोषण है उसके बाद भी सरकारी स्कूल के शिक्षक बच्चों से किताबें ढुलवाने से बाज नहीं रहे है। पूर्व में भी सरकारी विद्यालयो में मीड डे मील, पोषाहार ढोने सहित बच्चों से झाड़ू तक लगाते मिले हैं। सरकारी विद्यालयों में पंजीकृत छात्र संख्या के अनुपात में उपरोक्त कारणवश बहुत कम छात्र ही पढऩे आते है।

अफसरों ने दिए थे निर्देश

ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को झाड़ू लगवाने, किताबें ढुलवाने आदि बालश्रम कि शिकायत आलाधिकारियों सहित बालश्रम और बाल संरक्षण अधिकार आयोग को विगत कुछ वर्ष पहले राजकुमार गुप्ता ने किया है जिस बावत जिलाधिकारी, श्रम विभाग और बाल संरक्षण आयोग ने छात्र संख्या बढ़ाने की हिदायत दी थी। इसके साथ ही शिक्षा का स्तर भी बढ़ाने के निर्देश दिए थे। मामला श्रम विभाग में भी चला है बावजूद इसके बच्चों को सरकारी विद्यालयों के किताबें ढुलवाने झाड़ू लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

पहले की तरह यह मामला…. भी शायद समाप्त हो जाएगा और कार्यवाही के नाम पर यह भी मामला औचित्यहीन नोटिस तक ही सीमित रह जाएगा जाएगा।

जय शिक्षा विभाग, जय व्यवस्था,जय जुगाड़।

रिपोर्ट – राजकुमार गुप्ता

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