सावरकर घोषित हो राष्ट्रपिता, मिले भारत रत्न सम्मान।
वीर विनायक दामोदर सावरकर शक्ति के ऐसे पुंज क्रांति के नक्षत्र का चिरंतर ज्योतिपुंज के रुप में प्रतिष्ठित हैं जिनसे एक असीम ऊर्जा ग्रहण कर बिना विचलित हुए हर हिन्दुत्ववादी अपने कर्तव्य पथ पर निरन्तर अग्रसर था है, और हमेशा रहेगा। उक्त बातें हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता मनीष पाण्डेय ने वीर सावरकर की 141वीं जयन्ती के अवसर पर पुष्पराज चौराहा स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए कही, असाधारण योद्धा, महान साहित्यकार, वक्ता, विद्वान, लेखक समाज सुधारक और एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित है।
अधिवक्ता शिवम पांडेय ने कहा कि युवाओं से उनकी प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। अधिवक्ता आदर्श मिश्रा ने कहा कि सावरकर के विचार आज भी प्रासंगिक हैं, नए भारत के निर्माण में सहायक हैं,माल्यार्पण करते हुए सभी वक्ताओं द्वारा सावरकर को भारत रत्न प्रदान करते हुए, अधिकाधिक, संवैधानिक रूप से सावरकर को राष्ट्रपिता की उपाधि प्रदान किए जाने की मांग केंद्र सरकार से की गई, जयन्ती कार्यक्रम में प्रमुख रूप महान्त राम लोचन शरण शास्त्री राजन बाबा, अधिवक्ता आदर्श मिश्रा ,अधिवक्ता अजेंद्र पांडेय, अधिवक्ता अशेद्र पांडेय , अधिवक्ता अतुल पाठक, अधिवक्ता शिवम पांडेय, अधिवक्ता शशांक पांडेय, हीरामणि पांडेय आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- मनोज कुमार तिवारी
वीर सावरकर की 141वीं जयन्ती पर हिन्दू महासभा ने किया नमन
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