शांति सद्भाव पदयात्रा का सेवापुरी के गाँवों में जोरदार स्वागत

12

वाराणसी: मिर्जामुराद/ सेवापुरी, सद्भावना के रास्ते शांति के वास्ते आयोजित 9 दिवसीय “शांति सद्भावना यात्रा” का तीसरे दिन मिर्जामुराद के क्षेत्रों में शानदार स्वागत किया गया. साझा संस्कृति मंच एवं जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शांति, सद्भावना, प्रेम और भाईचारे के संदेश के साथ आयोजित इस पदयात्रा का चक्रपानपुर, कोसड़ा, राने खगरामपुर, करधना, भटपुरवा आदि गावों में जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बड़े उत्साह के साथ अभिनंदन किया.

पूर्व संध्या पर रात्रि पड़ाव के दौरान प्रतापपुर में गांव में मशाल जुलूस का आयोजन किया गया जिसका समापन डॉ अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ. प्रतापपुर से तीसरे दिन की यात्रा का शुभारंभ बच्चों के नेतृत्व में किया गया, बच्चों ने देश प्रेम और भाईचारे के जोशीले नारे लगाये।

चक्रपानपुर गांव में आयोजित सभा में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए जनवादी लेखक डाक्टर रामजी यादव ने कहा कि आज से कुछ वर्ष पहले तक अख़बार टीवी आदि में गरीब की रोजी रोटी की बात होती थी, मजदूरों किसानों की परेशानियों की चर्चा होती थी, छात्रों की पढ़ाई और युवाओं के रोजगार की चिंता दिखती थी। मगर आज सिर्फ ये पार्टी या वो पार्टी तक सिमित होकर रह गयी है।

मार – झगड़ा और चीन – पाकिस्तान करने में ही सब फंसे हुए है। मिडिया और सत्ता की इस रस्साकस्सी में समाज पिस रहा है। पढाई दवाई काम धंधा की जगह हमारा गाँव घर दिन रात ‘ हिन्दू-मुसलमान ‘ के टकराव की बात सुन रहा है। लोगों में चिड़चिड़ापन तनाव और गुस्सा बढ़ रहा है। हिन्दू – मुसलमान की गैर जरूरी बहस में फँसाकर मंहगाई की बात को अनदेखा कर दिया जा रहा है।

नौकरी की मांग को अगड़ा – पिछड़ा, आरक्षण समर्थक और विरोधी के खांचे में बांटकर आपस मे ही लड़ा दिया जा रहा है. यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसे में समाज को सचेत होना ही होगा।

सामाजिक कार्यकर्त्री रंजू सिंह ने कहा कि महिलाओं की बात करें तो घर से लेकर विद्यालय-चिकित्सालय, कार्यालय- देवालय तक में हो रहा भेदभाव और हिंसा एक बड़ी चुनौती है। घर से लेकर खेत तक और सड़क से ऑफिस तक चंहुओर फैले इस अफरातफरी के समय में शांति सद्भाव की बात करने की अधिक जरूरत है।

सांस्कृतिक टीम प्रेरणा कला मंच के कलाकारों द्वारा करधना गाँव में भावपूर्ण नाटक की प्रस्तुति के माध्यम से सभी लोगो को जाति, धर्म, समुदाय, भासा आदि झगड़ों को भुला कर आपस में प्रेम और सौहाद्र से रहने का सन्देश दिया।

पदयात्रा के संयोजक नंदलाल मास्टर ने बताया कि पदयात्रा के दौरान हो रहे जनसंवाद से लोगों के विचारों, समस्याओं आदि को जानने समझने का अवसर मिल रहा है.

जिले के प्रत्येक विकास खंड से जुडी परेशानियों, विशेषताओं और विविधता के बारे में जानकारी हो रही है जिससे भविष्य में कोई सामाजिक प्रयास करने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि सोमवार को सुबह पदयात्री बड़ागांव विकासखंड के गांवों की तरफ प्रस्थान करेंगे।

-राजकुमार गुप्ता

Click