महोबा। आमतौर पर छात्र – छात्रायें वर्ष भर प्रस्तुतियां देते रहते हैं लेकिन रामरतन भुवनेश कुमार पब्लिक स्कूल में इस बार उल्टा ही नजारा था। दर्शक दीर्घा में थे बच्चे एवं कालेज के स्टेज पर थे उनको पढ़ाने वाले शिक्षक व शिक्षिकायें।
शिक्षकों ने समूह नृत्य व नाटकों के माध्यम से जब बच्चों का मनोरंजन किया तो सहसा ही बच्चे बोल पड़े कि मान गए गुरु!


कार्यक्रम की शुरुआत कालेज के प्रिंसिपल अमित अग्रवाल व छात्रों ने दीप प्रज्जवलन से की।
शोभा मैम ने सरगम फिल्म के गीत ढपली वाले ढपली बजा पर आकर्षक एकल नृत्य कर बच्चों को झूमने को मजबूर कर दिया। पृथ्वी हाउस की शिक्षिकाओं रूबी , मेघा शहजादी , साधना , आराधना , भारती , पूर्णा, दिव्यानी , प्रज्ञा व रीना मैम ने किन्नरों के साथ समाज में होने वाले भेदभावों पर भावुक कर देने वाला नाटक ” संघर्ष ” प्रस्तुत कर सभी को सम्मोहित कर दिया।
आकाश हाउस के टीचर विपिन , शुभम , अनुराग , पुष्पेन्द्र मयंक , अरशद , भुवानी व एसके मिश्रा ने ” सर्जिकल स्ट्राइक ” नाटक की आकर्षक प्रस्तुति से सभी को देशभक्ति के सागर में डुबो दिया।
सागर हाउस के टीचर नरेन्द्र , अमित , अतुल , हरिश्चन्द्र , निरंजन , विकास , अजय, रवि व अंकित सर ने “पोपटलाल बाहुबली” नाटक से बच्चों को हंसाया व गुदगुदाया। सृष्टि हाउस की शिक्षिकाओं महिमा , सोनाली , हर्षा , आकांक्षा , मधुरिका , प्रीति, स्वाति, कल्पना , शोभा , फिजा व प्रेरणा मैम ने ” सेव ट्री सेव लाइफ ” से पेडों की कटान व इससे पैदा होने वाली विसंगतियों को बखूबी उभारा।


मनोरंजन वर्ग में आकाश हाउस के टीचर्स ने मिक्स सांग्स पर आकर्षक समूह नृत्य कर बच्चों से जमकर तालियां बटोरीं। 
आकर्षक परिधानों से सजी सृष्टि हाउस टीचर्स ने समूह नृत्य के माध्यम से पुराने सदाबहार गीतों पर नयनाभिराम चित्रहार पेश कर बच्चों को वंस मोर – वंस मोर की आवाज लगाने को मजबूर कर दिया।
पृथ्वी हाउस टीचर्स ने ‘ नृत्य के नवरंग ‘ प्रस्तुति के माध्यम से देश के अलग – अलग राज्यों के नृत्यों की प्रस्तुतियां देकर देश की सांस्कृतिक थाती को प्रदर्शित किया।
अलग अलग राज्यों गुजरात , महाराष्ट्र , पंजाब , असम , भरतनाट्यम समेत दक्षिण भारत के क्लासिकल नृत्यों से सभी का मन मोहा।सागर हाउस टीचर्स ने ‘ हेल्पिंग हैंड्स ‘ नृत्य नाटिका से अनाथ बच्चों के बचपन को उकेर कर मन को उद्वेलित करने वाली प्रस्तुति से सभी को झकझोर दिया।
टीचर्स की आकर्षक मनोहारी प्रस्तुतियों को देख बच्चे भी बोल उठे वाह ! उस्ताद वाह!!
रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल


            