श्रीमद् भागवत  कथा का भव्य समापन, विश्व शांति के लिए हुआ यज्ञ और विशाल भंडारा

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जैतपुर-स्थानीय गल्ला मंडी प्रांगण में विगत सप्ताह से चल रही श्रीमद्भागवत कथा का समापन गुरुवार को धार्मिक आस्था और उल्लास के साथ हुआ। समापन अवसर पर विश्व शांति एवं सर्वकल्याण की कामना के साथ हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसके बाद श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे की व्यवस्था की गई।

इस दिव्य अवसर पर संकट मोचन सरकार के पीठाधीश्वर सोनू महाराज ने व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए कहा कि, “भक्ति मार्ग ही आत्मा को जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिला सकता है। सत्कर्म और श्रद्धा से ही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।” उन्होंने कहा कि हवन-यज्ञ से न केवल वायुमंडल शुद्ध होता है, बल्कि इससे आत्मिक बल भी प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

इस बीच बाल व्यास ब्रह्मरात हरितोष ने श्रीमद्भागवत की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, “कथा श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। यह न केवल भक्ति, ज्ञान और वैराग्य को जन्म देती है, बल्कि पापों का अंत कर पुण्य की प्राप्ति भी कराती है।” उन्होंने कहा कि विचारों में आया बदलाव आचरण में स्वयं परिवर्तन ले आता है।

भक्ति और सेवा का संगम बना आयोजन

कथा के समापन अवसर पर यजमानों — सीता दीपक साहू, कामता गुप्ता, मोहित रावत, बृजेंद्र गुप्ता, नीलू गुप्ता, अखिलेश द्विवेदी, नंदू राठौर और कैप्टन माहुर — ने श्रद्धालुओं को भंडारे का प्रसाद वितरित किया।

इस पावन अवसर पर गौरीशंकर साहू, गजेंद्र अग्रवाल, धर्मेन्द्र साहू, शैलेन्द्र सुल्लेरे समेत सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे और आध्यात्मिक अनुभूति का लाभ लिया।

जैतपुर में यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से ऐतिहासिक रहा, बल्कि सामाजिक एकता, सेवा और अध्यात्म का जीवंत उदाहरण भी बना।

राकेश अग्रवाल रिपोर्ट

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