संत की असंतई का कारनामा

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विनोद शर्मा

चित्रकूट – श्री रामचरित मानस में वर्णन है संत ह्रदय नवनीत समाना,,,,ओर यहाँ पर तो एक सरकारी अधिकारियों और नेताओं का चरनवन्दक संत ने अपनी झूठी फेसबुकिया कहानी का भ्रमजाल फैलाने के लिए सभी संन्तो को बदनाम करने का काम कर दिया।

राम मोहल्ला के संचालक मदन गोपाल दास ने अब वह कारनामा कर डाला जिससे वह जल्द ही कानून के शिकंजे में फंस सकता है।

चित्रकूटधाम के प्रसिद्ध मंदिर कामदगिरि प्रदक्षिणा का प्रमुख द्वार राम मोहल्ला के संचालक और राम मोहला मंदिर के महंत स्वयंभू जगदगुरु रामस्वरूपाचार्य के छोटे भाई मदन गोपाल दास ने कोरोंना संक्रमण के फैलाव से बचाव के लिए लागू किए गए लाक डाउन में अधिकारियों की बैठक के दौरान मदन गोपाल दास साधू – संतो के साथ ही गरीब असहायों को भोजन कराने की जिम्मेवारी ली थी। आरोग्य धाम गेट के आगे टाटा घाट में पड़े रहने वाले लगभग सौ संतो की ली गई थी मदन गोपाल दास के द्वारा रोज भोजन देने की जिम्मेवारी ली थी। लेकिन सोमवार को वहां टीन शेड के नीचे पड़े रहने वाले साधू – संतो को सुबह से भोजन नही दिया गया। मदन गोपाल दास के भरोसे रहे साधू संत भूखे सोने को मजबूर थे तभी स्थानीय समाज सेवियों को जानकारी होने पर रात 10 बजे बरसते पानी के बीच समाज सेवियों द्वारा खिचड़ी बनवाकर बटवाई गई । वहीं मदन गोपाल दास के द्वारा भोजन बंद करने की कोई सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को नही दी गई थी।। 90 हजार रुपए का मोबाइल और 20 लाख रुपए की लगजरी गाड़ी में घूमने वाले मदन गोपाल दास के कारनामों की लंबी फेहरिस्त है। अभी बीतेदिवस ही सतना से आई श्रम विभाग की टीम के मदन गोपाल दास से लंबी पूछताछ की गई थी। बाल श्रम उल्लघन कानून के तहत की गई थी मदन गोपाल दास से पूछताछ हुई थी। 12 वर्षीय कक्षा 6 के छात्र सूरज पटेल से मदन गोपाल दास और उसके साथियों द्वारा डेढ़ किलोमीटर तक डेढ़ से दो क्विंटल सामान लदा हाथ ठेला खिचवाने का लगा था आरोप। मासूम सूरज पटेल के अनुसार मदन गोपाल दास ने हाथ ठेला खींचने के एवज में दिया था डेढ़ सौ रुपए का भाड़ा।

अब देखना होगा कि आने वाले समय पर इन संत वेश धारी पर कानून के हिसाब से काम होगा कि इनका प्रभाव एक बार फिर अधिकारियों की लीपापोती करने को मजबूर करेगा।

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