संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए पराड़कर भवन वाराणसी में आयोजित हुआ एकजुटता सम्मेलन

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वामपंथी दलों, काँग्रेस, राजद सहित तमाम समान सोच के दलों वाराणसी के नागरिक समाज ने वर्तमान संविधान, लोकतंत्र पर बढ़ते संकट को लेकर हुँकार भरी

वाराणसी। पराड़कर भवन मैदागिन वाराणसी के प्रेक्षागृह में एकजुटता सम्मेलन आयोजित हुआ।

सम्मेलन में कांग्रेस, राजद, वामपंथी दलों सहित बनारस का नागरिक समाज बड़ी संख्या में सम्मिलित हुआ।

सम्मेलन में बीजेपी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमो में अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पंहुचाने की जो पीछे दरवाजे से जुगत चल रही है उसपर असहमति व्यक्त की गई।

क्रोनी कैपिटलिज़्म की नीति से नरेंद्र मोदी जी सभी सरकारी उपक्रमो को कमजोर कर रहे है।औने पौने दाम में सार्वजनिक संपत्ति को उद्योगपति मित्रों को बेच रहे हैं।

विदेशी ताकतों के सामने हम घुटने टेक रहे है। G20 की बैठक के बहाने अपना पीठ खुद ठोंक रही मोदी सरकार चीन को घुसपैठ के सामने मुंह तक नही खोल पा रही है।

संसद में जनता के हित की कोई बात होती दिख नही रही। विपक्ष को लगातार उपेक्षित प्रताड़ित किया जा रहा है। मीडिया कंपनी उनके उद्योगपति दोस्तो की है इसलिए विपक्ष की जनता की कोई बात दिखाने का कोई सवाल ही नही उठता।

हाल में NDTV को कैसे अडानी ने खरीदा और जनता के सरोकारों के सवाल उठाने वाली पत्रकारिता का भी एपिसोड कैसे बन्द हुआ ये पूरी दुनिया ने देखा।

गैस के दाम बढ़ाया गया है। सब्सिडी बन्द हो गई है। बिजली के दाम में बेतहाशा बढोत्तरी हो रही है। बनारस में साड़ी का मुख्य कारोबार इस निर्णय से प्रभावित होने को है। गरीब बुनकर बद से बदतर हालात में जाने को अभिशप्त है।

भ्रस्टाचार हटाने के वायदे के साथ अच्छे दिन लाने के सपने दिखाने वाली बीजेपी सर से पांव तक भ्रस्टाचार में स्वयं लिप्त है। इलेक्टोरल बांड के सहारे राजनैतिक दलों को मिलने वाले चंदे का 80% से भी ज्यादा अकेले बीजेपी ले रही है। इसमे भी दुःखद की इस पैसे का स्रोत बीजेपी नही बता रही है। कोविड समय मे पी एम केयर फंड बनाके खूब पैसा उतारा गया लेकिन उसके आय व्यय का विवरण सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध नही है।

हाल में हाथरस प्रकरण में फैसला आया है। 2020 में पूरे सूबे को झंकझोर देने वाले दलित लड़कीं के बलात्कार और हत्या मामले में 4 में से 3 बरी हो गए। रेप की भी कोई पुष्टि नही हुई। पुलिस और सीबीआई ने रातों रात शव को जला दिया था। सोचने की बात है की रीढ़ की हड्डी टूट गयी थी, जीभ कट गई थी। बेहद दर्द में लड़कीं मर गयी। उसकी मौत की वजह कौन बताएगा? उसके दोषियों की शिनाख्त कौन करेगा ?वही मुख्यमंत्री योगी सरकार अपराधियो को मिट्टी में नहीं बल्कि कानून और संविधान को मिट्टी में मिला रही है जो अफसोस जनक है।

शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार मंहगाई आर्थिक नीति विदेश नीति आदि सभी मोर्चो पर ये सरकार फेल है। हिन्दू मुसलमान करके आरएसएस और बीजेपी सिर्फ तोड़ने की नीति पर चल रही है और इन मोर्चो पर बोलने वाले को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है जेल में डाला जा रहा है।

इन सवालों पर एकजुट होने की जरूरत है। नौजवानों के बीच जाने की जरूरत है। मजदूर अल्पसंख्यक मल्लाह वेंडर किसान सबको जुटाना ही होगा। जरूरत पड़े तो जेल जाने से भी पीछे न हटने के संकल्प के साथ सम्मेलन का समापन हुआ।

सम्मेलन में प्रमुख रूप से निम्नलिखित साथी मौजूद रहे विजय नारायण, डा.हीरालाल, डा.राजेश मिश्रा, अरविंद सिंह, प्रजानाथ शर्मा, अमरनाथ राजभर,जयशंकर सिंह,सुरेंन्द्र यादव, कुँवर सुरेश सिंह, हाजी रईस अहमद,राधेश्याम सिंह, रामधीरज, नन्दलाल पटेल, राकेश पाठक,शमशेर सिंह,रंजूबाला सिंह पटेल,शिवनाथ यादव,ह दिग्विजय सिंह पंकज चौबे,बिरेन्द्र यादव,देवेन्द्र सिंह,अरूण सोनी, धनंजय त्रिपाठी,डा.छेदीलाल निराला, मो.महफूज, मो.अहमद अंसारी, अजय जायसवाल अफरोज, साजिद, मोबिन अंसारी,अमृत पाण्डेय, ईश्वर सिंह ,मो. ताहिर कार्यक्रम का संचालन संजीव सिंह ने किया।

● राजकुमार गुप्ता
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