सनातन धर्म के पर्वों पर अब नृत्यों का समावेश

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प्रतापगढ़। सनातन धर्म का दुर्भाग्य यह है कि आज शास्त्र, विद्वान, आचार्य की उपेक्षा होने लगी है। गायक नर्तक लोक लुभावन चुटकुले कहने वाले तथा श्रीमद्भागवत कथा के समय झांकी फिल्मी गीतों पर राधा कृष्ण का नृत्य होने लगा है।

सनातन धर्म के पर्वों पर अब नृत्यों का समावेश हो गया है। भगवान के गुणानुवाद की चर्चा ना होना। एक परंपरा बनती जा रही है जिसको बढ़ावा देने में मीडिया जगत का भी एक विशेष हांथ है। यदि ऐसा होता रहा तो एक दिन ऐसा आएगा सनातन धर्म हंसी एवं मजाक तथा मौज मस्ती का पात्र बन जाएगा।

धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी एवं परम पूज्य डोंगरे महराज ने कभी भी अपनी कथाओं में तथा किसी भी सनातन धर्म के पर्व पर नृत्य इत्यादि नहीं होने दिया। वह सदा इसके विरोधी रहे।

  • अवनीश कुमार मिश्रा
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