साइलेंट किलर बना कोरोना, जुकाम-बुखार जैसे लक्षण गायब

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इनपुट – दुर्गेश सिंह

रायबरेली। तब्लीगी मरकज में शामिल होने वाले लोगों में कोरोना की पुष्टि भले ही हो गई है, लेकिन सभी 33 मरीजों में अब तक कोरोना के लक्षण उजागर नहीं हुए हैं। न उन्हें ज्यादा बुखार है और न ही खांसी के साथ गले में खरास ही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कोरोना साइलेंट किलर बन गया है।

जिला अधिकारी शुभ्रा सक्सेना के फैसले सराहनीय

इन मरीजों को 10 दिन पहले ही क्वारंटीन में न रख दिया जाता तो ये जिले में महामारी का सबब बन सकते थे। जिले में आए 49 जमातियों को क्वारंटीन सेंटर में रखकर सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। पूर्व में दो जमातियों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में रखा गया है। उन मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं उजागर हुए।

मंगलवार को 33 और लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। खास बात यह कि अब तक किसीं के शरीर में कोरोना के लक्षण सामने नहीं आए हैं। समय रहते जिला प्रशासन सतर्क होकर जांच न करवाता और सभी को क्वारंटीन सेंटर में न रखवा देता तो ये लोग जिधर जाते उधर कोरोना की महामारी फैला देते। तथ्य सामने आने के बाद लोगों में हड़कंप मच गया है।

कोरोना के पॉजिटिव की रिपोर्ट आने के बाद जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीरबल की टीम मुंशीगंज स्थित कृपालु इंस्टीट्यूट में मरीजों की सेहत जांचने के लिए पहुंचे। चिकित्सक का कहना है कि अब तक किसी भी मरीज में लक्षण उजागर नहीं हुए हैं।

हालांकि रिपोर्ट आने के बाद सभी को आइसोलेट करा दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। लॉकडाउन का शत प्रतिशत पालन करके लोगों के संपर्क में आने से बचें, क्योंकि जिन लोगों में लक्षण सामने भी नहीं आ रहे, उनमें भी कोरोना पॉजिटिव आ रहा है। सभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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