सिख धर्मावलंबियों ने मनाया बैसाखी पर्व

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लालगंज (रायबरेली) , कस्बे के घोसियाना मोहल्ला स्थित श्री गुरु सिंह सभा में रविवार को बैसाखी का पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। इससे पहले सुबह दरबार साहब प्रकाश सरदार सेवा सिंह ने किया। सभा में आई महिला संगत ने सुखमनी साहेब का पाठ किया। जाने माने वास्तुविद इंजीनियर सरदार सिंह पालू ने साहिब गुरु गोविंद सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 13 अप्रैल 1699 को बैसाखी के दिन गुरु गोविंद सिंह ने केजगढ़ साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की।

बैसाखी के दिन ही पंच प्यारों को दीक्षा दी गई। दयाराम, धर्मदास मोहकमचंद, हिम्मत राय, साहबचंद को अमृत छकाया गया। वाहेगुरु जी की खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह, उद्घोष के साथ पंच प्यारों की स्थापना हुई। कहा कि गुरु गोविंद सिंह कुशल शस्त्र संचालक के साथ-साथ उच्च कोटि के विद्वान थे। उनके जैसे संत और योद्धा का अनूठा समन्वय युग युगांतर के बाद देखने को मिलता है। बताया कि इस बार 325वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। कार्यक्रम में जिले से आए रागी रविंदर सिंह के जत्थे ने शबद कीर्तन से सभी को निहाल किया। वाह वाह गुरु गोविंद सिंह आपे गुरचेला कीर्तन पर संगत झूम उठी। छोटे बच्चों में मनन प्रीत, राजवीर सिंह, नवदीप सिंह ने अपने गीत प्रस्तुत किये। इसके पश्चात  अरदास की गई।

श्रद्धालुओं के जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल के गगन भेदी नारों से हाल गूंज उठा। इसके बाद प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस दौरान सरदार सेवा सिंह, सतपाल सिंह पालू, बलजीत सिंह, जगजीत सिंह सोनू, सतनाम सिंह, संजय चड्ढा, हरचरण सिंह, राघवेंद्र सूर्यवंशी, बलबीर सिंह, अमनदीप सिंह, आयुष सिंह, महेश सिंह, सरदार जगजीत सिंह, बलजीत सिंह, अवतार सिंह सोनू, राघवेंद्र सूर्यवंशी, संजय, रुद्रांश, ग्रेटी सहित महिलाएं व बच्चे मौजूद रहे।

रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा

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