सीवर मिले मंदाकिनी के पानी से भगवान का आचमन करने से लगता है पाप: साध्वी कात्यायनी

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श्रीराम कथा का छठा दिन

चित्रकूट। मुम्बई से आईं श्री रामकथा की प्रवक्ता साध्वी कात्यायनी गिरि ने कहा कि अब तो मेरे दो गुरूदेव राम मंदिर निर्माण के लिए उत्तरदायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। ऐसे में मेरी जिम्मेदारी राम को शरण देने वाले चित्रकूट को बचाने की है। उन्होंने कहा कि यहां को बचाना है तो यहां के वन, यहां के जल को सुंदर बनाना होगा और इसके लिए पयस्वनी व सरयू को पुनर्जीवित करना व मंदाकिनी को सुचिता प्रदान करनी होगी।

महाशिवरात्रि का वास्तविक अर्थ बताते हुए कहा कि शिव का अर्थ पुरूष और पार्वती का अर्थ प्रकृति है। अगर हम शिव के सच्चे भक्त हैं तो शिव जैसे बनें, उनके जैसा आचरण करें। शिव ने प्रकृति से प्रेम किया, उनसे विवाह किया। आज सभी उनके विवाहोत्सव के सहभागी बनकर शिवोहम में डूब रहे हैं। लेकिन वास्तव में क्या शिव जैसा आचरण कर रहे हैं। क्या वह प्रकृति से प्रेम करते हैं। अगर चित्रकूट के लोगों ने शिव से प्रेम किया होता तो वे प्रकृति से प्रेम जरूर करते। सीवर के पानी को मंदाकिनी में डालने न देते। पयस्वनी की धारा को, सरयू की धारा को सूखने न देते। हर तरह से प्रयास करते कि यह सूख न पाए। आज शिवरात्रि पर प्रण लें कि सूखी हुई जलधाराओं को पुनर्जीवन देने के लिए अपना जीवन लगा देगें।
माया को छोड़ प्रकृति का संरक्षण करेंगे। प्रकृति जीवन के आधीन है। प्रकृति का संरक्षण करना ही महाशिवरात्रि मनाने का सही अर्थ है। प्रकृति के बारे में सोचना नही बल्कि जल, वन की शुद्वता व संरक्षण के लिए लगातार काम करते रहना हैं। चित्रकूट पर भगवान श्रीराम का आगमन अनायास नहीं होता। उनका आना तो यहां पर योजनाबद्व था, पर उनके आने से यहां का कण-कण पवित्र हुआ। अयोध्या को भगवान दुखी कर आए पर चित्रकूट को सुख दिया। चित्रकूट में निवास करने से चित्त निर्मल हो जाता है। अगर यहां पर रहकर जल को निर्मल न बना पाए तो हम अपने आपको ही दोष देगें।

पयस्वनी की धारा फिर बह चलेगी, अगर हम महाशिवरात्रि को सही ढंग से मनाना सीख लेंगे।
उन्होंने कहा कि आज सीवर की लाइन मंदाकिनी मेें मिल रहा है, बांधों को पहले ही बांध रखा है। इस सीवर वाले पानी से जब भगवान का अभिषेक करते हैं तो आप पाप करते हैं। सही मायने में शिवोहम कहने से नही होते, बल्कि शिव जैसा होना। प्रकृति को अपना बनाना होगा। इस दौरान कथा को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी सत्ता बाबा, अखिलेश अवस्थी, बाबा धर्मदास, गंगा सागर महराज व राम रूप् पटेल उठा रहे हैं।

Sandeep Richhariya

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