हर मुश्किल से लड़कर निकली एक ‘जाबांज’ जिसके लिए ‘देश से बढ़कर कुछ नहीं’

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CORONA FIGHTER EXCLUSIVE
न्यूज डेस्क – जब मन मे कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, जिसने देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया हो, उसके सामने बड़ी से बड़ी कठिनाई छोटी पड़ जाती है, मगर पुलिस विभाग में ऐसे चेहरे कम ही मिलते हैं, पुलिस विभाग का नाम सुनते ही मन में उसी पुलिस का नकारात्मक चेहरा सामने आ जाता है जिसके नाम पर ही लोगो को परेशानी होने लगे, मगर कुछ पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को वजह से आज भी खाकी फक्र महसूस करती है, और उसके रंग की चमक बढ़ जाती है, तो आइए पढ़ें कोरोना फाइटर एक्सक्लूसिव में महराजगंज जनपद में तैनात एक जाबांज महिला दरोगा अलका वर्मा की कहानी…

जिंदगी में देखा कठिन दौर

महाराजगंज जनपद में तैनात उपनिरीक्षक अलका वर्मा ने TheReportsToday से बातचीत में बताया कि शुरुआत से ही उनके मन के देश सेवा का सपना था, मगर 1999 के हाईस्कूल को परीक्षा पास करते ही उनकी शादी हो गई, मगर ससुराल जाकर ससुराल वालों के विरोध के बावजूद पति ने इटर व स्नातक की पढ़ाई करवाई और पति का चयन उप्र पुलिस में हो गया और कुछ समय बाद वह एसटीएफ में सेवाएं देने लगे।

पति की शहादत के बाद टूटा पहाड़

अलका ने बताया कि उनके पति upstf में रहते हुए शहीद हो गए तो उनके ऊपर दुखो का पहाड़ टूट गया, बच्चे को संभालने के साथ ही उन्होंने पढ़ाई जारी रखी, मगर ससुराल वालों ने साथ देना छोड़ दिया उसके बावजूद वह मायके आकर पुलिस की तैयारी में लग गयी सन 2016 में सब इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी मिल गयी।

बेटे व नौकरी की जिम्मेदारी एक साथ

अलका ने बताया कि अब वह पुलिस विभाग के साथ ही बेटे के पालन पोषण की जिम्मेदारी निभा रही हैं, अब बेटा 15 वर्ष का हो गया है, और लखनऊ के एक स्कूल में हॉस्टल में रह कर पढ़ रहा है तथा मैं ड्यूटी पर रहती हूँ, जब भी अवकाश मिलता है बेटे से मिलने जाती रहती हूं, स्कूल की छुट्टियों में बेटा साथ रहने आ जाता है। अलका ने बताया कि मुरादाबाद में ट्रेनिंग समाप्त करने के बाद सबसे पहली पोस्टिंग उन्नाव जनपद में थाना अजगैन में मिली जहां पर रहते हुए बहुत से विवेचना का निस्तारण किया एवं एंटी रोमियो प्रभारी के पद पर रहते हुए आसपास के क्षेत्र स्कूलों के पास खड़े होने वाले मनचलों को सुधारा एवं छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ पर रोक लगाने के लिए काम किया तथा 25 से अधिक विद्यालयों में जाकर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के बारे में बच्चों एवं शिक्षकों को जागरूक किया इसके पश्चात उन्नाव जनपद में ही पुलिस परिवार कल्याण केंद्र प्रभारी के पद पर तैनात रही और जनपद के सभी पुलिस कर्मियों एवं उनके परिजनों के लिए अपने ऑफिस की तरफ से लगातार स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कराया तथा पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए केंद्र में लाइब्रेरी स्थापित कराई।

अलका अब 1 मार्च से जनपद महाराजगंज उत्तर प्रदेश में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

ट्विटर पर फालोवरो की है बड़ी संख्या

अलका वर्मा ट्विटर पर बेहद कम एक्टिव रहती हैं फिर भी कम समय मे ही उनके ट्विटर एकाउंट पर साधारण पोस्ट के बावजूद बड़ी संख्या में फालोवर हैं, अलका ने बताया कि पुलिस विभाग में रहते हुए आम जनमानस के मन में पुलिसकर्मियों को लेकर जितनी भी नकारात्मक सोच एवं डर देखा सिर्फ उसको दूर करने के लिए एवं नकारात्मक सोच को बदलने के लिए मैंने अपने मन की साधारण सोच को बेहद साधारण शब्दों में ट्विटर के माध्यम से लोगों में पहुंचाने की कोशिश की है शायद लोगों को मेरी बात समझ में आ रही है एवं पुलिस के प्रति आम जनता के मन में सम्मान एवं विश्वास बढ़ रहा है।

स्वावलंबी बनें महिलाएं

उपनिरीक्षक अलका वर्मा का मानना है कि महिलाओं को खुद के क्षमता को कभी किसी से कम नहीं समझना चाहिए, नारी के अंदर सृजन शक्ति होती है जो ईश्वर के अलावा अन्य किसी में नहीं है स्त्री को सदैव विनम्र किंतु निडर होना चाहिए कभी भी अपने नैतिक मूल्यों से किसी भी परिस्थिति में समझौता नहीं करना चाहिए, आज की नारी ऑटो रिक्शा से लेकर प्लेन तक उड़ा रही है यह नारी शक्ति काही बेजोड़ उदाहरण है मेरी नजर में महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा कुशल प्रशासन एवं अधिक क्षमता वान साबित हो सकती हैं अगर उनको सही ढंग से मौका मिले।
Devesh

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