“हसीरुन” नाम बदलकर बनी “मालती” और फिर…..

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रायबरेली । प्यार अंधा होता है ये सिर्फ किताबों में पढ़ा जाता है, मगर इसको महसूस वही करते हैं जिनके अंदर इश्क में कुछ भी कर गुजरने का माद्दा हो, और बात जब दो अलग अलग धर्मों की हो तो उसकी चर्चा होना लाजिमी है, ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है रायबरेली जिले में जहां इश्क में “हसीरुन निशा” ने “मालती” बनकर अपने इश्क को उस मुकाम तक पहुंचाया जहां से समाज को प्रेम व सद्भाव का सबसे अलग सन्देश मिलेगा।

पंद्रह वर्षों की थी मोहब्बत

रायबरेली में भारतलाल और हँसीरुन निशा ने शादी करके एक बड़ी सामाजिक मिसाल पेश की है, सालों की मोहब्बत के बाद कल एक दूजे के हो गए, भारत लाल व हँसीरुन निशा की पूरे रस्म रिवाज के साथ शादी कराई गई।

मिशाल बन गयी मोहब्बत

पूरे देश मे जहां इस समय धर्म के नाम पर कुछ अराजक तत्व एक दूसरे को लड़ाने में और मरने मारने में जुटे हैं वहीं रायबरेली के ऊंचाहार में एक प्रेमी युगल ने लंबे वक्त से चल रहे अपने इश्क को आखिरकार का अमली जामा पहनाते हुए एक दूजे के गले मे वरमाला डालकर सात जनम तक साथ निभाने की कसमें कहा ली, इन दोनों ने विवाह हिंदू रीति रिवाजों के अंदर शादी किया और कल की हँसीरुन निशा आज मालती बन गई। इस समारोह में गांव वालो ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और समाज को एक संदेश दिया।

ऊँचाहार क्षेत्र में हुई शादी

ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के पयागपुर नंदौरा गांव में ये समारोह सम्पन्न हुआ। बताते चले कि गांव निवासी भारत लाल व हँसीरुन निशा में दो दशक पहले एक दूसरे से प्यार हो गया और दोनों एक दूजे के साथ रहने लगे लेकिन दोनों ने शादी नही की, कल इन दोनों ने उम्र के इस पड़ाव पर शादी करने का निर्णय लिया और गांव वालों ने भी उनका भरपूर सहयोग करते हुए दोनों की हिंदू रिती रिवाज से शादी करा दी। शादी के बाद हँसीरुन निशा मालती बन गई। इन दोनों की शादी की चर्चा आस पास के लोगो के लिए एक मिसाल बन गई और उन्होंने इस समारोह को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं रख छोड़ी, यह शादी उन लोगों के मुंह पर भी करारा तमाचा जो आये दिन जाती धर्म की राजनीति को लेकर अनर्गल प्रलाप करके समाज मे अराजकता फैलाते रहते हैं।

Devesh

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