9 दिवसीय शान्ति सद्भावना पदयात्रा का शानदार आगाज़

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  • कबीर प्राकट्य स्थल वाराणसी से सारनाथ तक 125 किमी का सफर तय करेंगे पदयात्री
  • साझा संस्कृति मंच एवं जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय का संयुक्त आयोजन
  • शांति, सद्भावना, प्रेम और सौहार्द्र सबसे बड़ी जरूरत: डॉ मोहम्मद आरिफ


    वाराणसी। समाज में शांति, सद्भावना, प्रेम और भाईचारे का संदेश लेकर 9 दिवसीय शांति एवं सद्भावना यात्रा का शुभारंभ शुक्रवार को वाराणसी के लहरतारा स्थित संत कबीर प्राकट्य स्थल से किया गया। पदयात्रा का आयोजन साझा संस्कृति मंच वाराणसी एवं जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। कबीरपंथ के महंत गोविंद दास जी ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा का शुभ आरंभ किया।

    इस अवसर पर यात्रा का उद्देश्य बताते हुए संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि शांति और सदभाव आदमी की बुनियादी जरूरत है। देश के नागरिक खुद को समृद्ध और सुरक्षित तभी महसूस कर सकते हैं जब उनके आसपास शांति हो, सद्भाव हो। हालांकि भारत में सभी तरह के लोगों के लिए काफी हद तक शांतिपूर्ण माहौल है लेकिन अफ़सोस, विभिन्न कारणों से देश की शांति और सदभाव कई बार बाधित हो जाती है। ऐसे में यह पदयात्रा लोगों में आपस मे मिलजुल कर रहने का संदेश देने के लिए आयोजित की गई है।

    गांधीवादी चिंतक एवं इतिहासकार डॉ मोहम्मद आरिफ ने कहा कि भारत की खासियत विविधता में एकता है। विभिन्न धर्मों, जातियों और पंथों के लोग यहाँ एक साथ रहते हैं। भारत का संविधान अपने नागरिकों को समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। शांति और सद्भाव सुनिश्चित रहें , इसके लिए विभिन्न कानून बनाए गए हैं।

अन्य वक्ताओं ने कहा कि एक ओर हिन्दुओं के पूज्य काशी विश्वनाथ जी की दिव्य उपस्थिति तो दूसरे ओर महात्मा बुद्ध के प्रथम उपदेश दिए जाने से बनारस बौद्धों का श्रद्धास्थल बना।

जैन धर्म के तीन तीर्थंकर यंही जन्मे। विज्ञान और तर्क के समर्थक कबीर, पतंजलि और संत रविदास के होने से बनारस योग सुफिज्म से जुड़ ज्ञानमार्गी बना, इसलिए यह यात्रा संत कबीर के प्राकट्य स्थल से प्रारम्भ होकर वाराणसी के सभी विकासखण्डों से होती हुई 5 नवम्बर को भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में समाप्त होगी।

यात्रा के दौरान सांस्कृतिक टीम प्रेरणा कला मंच के कलाकारों द्वारा विभिन्न जनवादी गीतों के माध्यम से प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया जा रहा है।

यात्रा में प्रमुख रूप से नंदलाल मास्टर,गोविंदा दास, सतीश सिंह, सुरेश प्रताप सिंह, रामधीरज भाई,पारमिता, डॉ मुनीज़ा रफीक, सुरेंद्र सिंह, राजेश, अनिता, डॉ इंदु पांडेय, मैत्री, प्रियंका, पूनम, माला, मुस्तफा, सीमा, निशा, वंदना, फातिमा, नीति, मनोज यादव, माया कुमारी, प्रदीप सिंह, कन्हैयालाल, अजय पॉल, मधुबाला, शालिनी, चंदन, आशा राय, अमित, मुकेश, राजेश, गणेश, मनीष, सिकन्दर आदि शामिल हैं।

पदयात्रा का शुक्रवार की रात्रि का पड़ाव रोहनिया के निकट घाटम पुर गांव में होगा जहां से शनिवार को सुबह आगे की यात्रा प्रारम्भ होगी।

  • राजकुमार गुप्ता
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