Raebareli -रायबरेली प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर छत को युद्ध स्तर पर कंप्लीट कर जो भी पात्र आवंटित हैं उनको छूठ मुहैया करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना अमल में लाई गई और सभी जिलों के जिला अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि तत्काल इस योजना से लाभान्वित होने वाले परिवार को छत मुहैया कराई जाए लेकिन बात करी जाए रायबरेली जिले की तो यहां हालात इस पूरे दिशा निर्देश के आसपास भी नजर नहीं आता जी हां हम बात कर रहे हैं रायबरेली के बरखापुर में बने प्रधानमंत्री आवास योजना की जहां विकास प्राधिकरण की बड़ी लापरवाही सामने आई है तीन सालों से बनकर तैयार आवास पात्रों को नहीं मिल पाए है आजतक,वजह यहां पर आवागमन के लिए रोड तैयार नहीं की गई बिजली व्यवस्था की किसी भी तरह की तैयारी नहीं की गई 3 सालों से अधूरे पड़े आवास के लिए पात्र परिवार अधिकारियों के कार्यालय की परिक्रमा करते हुए जरूर नजर आ रहे हैं जब इस पूरे मामले पर एडीएम वित्तीय अमृता सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बजट का अभाव है शासन को पत्र भेजा जा चुका है बजट मिल जाने के बाद तत्काल लाभार्थियों को आवंटन कर दिया जाएगा फिर भी सवाल यह उठता है कि आवंटन होने के बावजूद भी पात्र अपने आवास के लिए दर-दर भटक रहे हैं रायबरेली शहर क्षेत्र के बरखा पुर गांव में शहरी गरीबों के लिए पीएम आवास बीते 3 सालों से अधूरे पड़े हैं इन आवासों की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण को दी गई थी अब 3 सालों में यह आवास जर्जर अवस्था में पहुंच रहे हैं व्यवस्थाओं का जो झुंझुना का पिटारा सरकारी अमला बजा रहा है उससे कहीं ना कहीं सरकार के खजाने पर चोट जरूर पहुंचती दिखाई दे रही पहले यह आवास बनाने में करोड़ों रुपए की लागत लगी अब उसकी मरम्मत के कार्य का खर्चा अलग होगा यह लापरवाही नहीं तो और क्या है फिलहाल अब देखना यह होगा कि खबर प्रकाशित होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री इस पर कितना गंभीर होते हैं और प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर कितना कार्य होता है यह देखने वाली बात होगी
अनुज मौर्य रिपोर्ट


