रायबरेली –रायबरेली जिले के राही ब्लॉक की गोंदवारा ग्रामसभा में नहर विभाग की लापरवाही के कारण एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है। नहर के कटने से सैकड़ों बीघे धान की फसल जलमग्न हो गई, जिससे नहर के किनारे स्थानीय किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। प्रभावित खेतों में दूर-दूर तक पानी ही पानी नजर आ रहा है, और फसल पूरी तरह बर्बाद होने की कगार पर है।किसानों ने बताया कि नहर की बांध में कटाव के कारण पानी खेतों में घुस गया, जिससे धान की फसलें डूब गईं। स्थानीय किसानों ने तुरंत नहर विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कोई कार्रवाई नहीं की।

नहर विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली की इस उदासीनता से किसानों में गहरा आक्रोश है, और वे नहर विभाग के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं।स्थानीय किसानों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब नहर विभाग की लापरवाही सामने आई है। नहरों की नियमित मरम्मत और रखरखाव की कमी के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। इस घटना ने किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है, क्योंकि धान की फसल उनकी आजीविका का प्रमुख स्रोत है। खेतों में पानी भर जाने से फसलें सड़ने लगी हैं, और किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं।

किसानों ने मांग की है कि नहर विभाग तत्काल नहर की मरम्मत करे और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, और विभाग की चुप्पी ने किसानों की परेशानी को और बढ़ा दिया है।प्रभावित क्षेत्र और नुकसान का अनुमान:
हालांकि सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गोंदवारा ग्रामसभा में सैकड़ों बीघे खेत प्रभावित हुए हैं। धान की फसल, जो इस क्षेत्र में मुख्य रूप से उगाई जाती है, पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है। नुकसान का आकलन करने के लिए प्रशासन या नहर विभाग की ओर से अभी तक कोई सर्वे शुरू नहीं किया गया है।किसानों की मांगें: नहर की तत्काल मरम्मत और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित रखरखाव।
प्रभावित फसलों के नुकसान का आकलन और उचित मुआवजा।
नहर विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई।
अनुज मौर्य रिपोर्ट