Covid 19 Effect – अख़बार को सर्कुलेशन बढ़ाने में छूट रहे हैं पसीने

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कौशाम्बी | Covid 19 से आपको रोज देश दुनिया का हाल बताने वाली अखबार की इंडस्टी खासी प्रभावित हुयी है। लॉक डाउन के चलते अखबार का सर्कुलेशन दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है | सर्कुलेशन के जिम्मेदार स्थानीय जिला प्रतिनिधियों से सर्कुलेशन बनाये रखने नया टास्क दे चुके है। वर्त्तमान समय में अखबार के जिला प्रतिनिधियों के पास गुणवत्ता परख खबरों के बोझ के साथ सर्कुलेशन बढ़ाने का दबाव तनाव का बड़ा कारण बना हुआ है। 
 
हिंदुस्तान हिंदी दैनिक जिला प्रतिनिधि बृजेश गौतम बताते है कि सामान्य दिनों में उनके अखबार की 3 हज़ार 500 से अधिक प्रतिया रोज बिकती थी। Covid 19 महामारी के बाद हुयी बंदी से अखबार का सर्कुलेशन सीधे 1 हज़ार कपिया बिकना बंद हो गया है। ऐसे में अखबार का सर्कुलेशन बढ़ाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है | 
 
दैनिक जागरण के स्थानीय प्रतिनिधि शैलेन्द्र द्विवेदी की माने तो जिले में उनके अखबार की 6 हज़ार 500 प्रतिया खप जाती थी, लेकिन अब वह साढ़े 4 हज़ार कॉपी पर आ गए है।  इसकी सबसे बड़ी वजह वह लॉक-डाउन के चलते बंद हुए व्यापारिक प्रतिष्ठान व् सरकारी अफसरों के दफ्तरों को मानते है।  जहाँ लोगो ने बंदी के चलते अखबार लेने से मना कर दिया है। 
 
अमर उजाला स्थानीय प्रतिनिधि रवींद्र अग्रहरि के बताते है कि जनपद में 6 हज़ार कापियों से अधिक अखबार घर घर पहुंचने का लक्ष्य पूरा कर उन्होंने अपनी अच्छी खासी साख बनाई थी | कोरोना महामारी के चलते अख़बार का सर्कुलेशन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।  4 हज़ार प्रतिया बड़ी मुश्किल से बिक रही है।  सर्कुलेशन का खासा दबाव है कि प्रतिया बढ़ाई जाय. जनता कोरोना वाइरस के भय से नहीं ले रही है। व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद है। ऐसे में सर्कुलेशन दबाव लगातार बढ़ रहा है।
Ajay Kumar

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