पाकिस्तान में टेररिज्म उद्योग: एस जयशंकर

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बोले- मुश्किलों के लिए PAK खुद जिम्मेदार, मदद देने से पहले अपने लोगों की राय जानेंगे

विदेश मंत्री एस जयशंकर के मुताबिक, पाकिस्तान अपनी बदहाली के लिए खुद जिम्मेदार है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहाकि पाकिस्तान अपनी मुश्किलों के लिए स्वयं जिम्मेदार है। फॉरेन मिनिस्टर ने कहा- अगर आप टेररिज्म इंडस्ट्री चलाएंगे तो इस तरह की बड़ी दिक्कतें तो आएंगी ही। जहां तक उसको मदद देने का सवाल है तो हम सबसे पहले ये देखेंगे कि भारत के लोग इस बारे में क्या सोचते हैं।

विदेश मंत्री ने काफी वक्त बाद पाकिस्तान के बारे में बयान दिया है। उनसे पूछा गया था कि पाकिस्तान की इकोनॉमी बेहद खस्ताहाल है और क्या भारत को इस वक्त पाकिस्तान की मदद नहीं करनी चाहिए।

जयशंकर गुरुवार को एशिया इकोनॉमिक डायलॉग में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। यह इवेंट फॉरेन मिनिस्ट्री ने ही ऑर्गेनाइज किया था। पाकिस्तान को छोड़कर तमाम पड़ोसी देशों के डेलिगेशन और मिनिस्टर्स यहां मौजूद थे।

दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान की इकोनॉमी और पॉलिटिक्स पर भारतीय विदेश मंत्री से कुछ सवाल पूछे गए। एक ऐसे ही सवाल पर जयशंकर ने कहा- ऐसा कोई भी देश मुश्किलें दूर करके विकास नहीं कर सकता, जिसकी बेसिक इंडस्ट्री ही टेररिज्म हो।

इसके बाद उनसे पूछा गया- पाकिस्तान के इस वक्त जो हालात हैं, उनमें भारत को उसकी मदद नहीं करनी चाहिए? भारत ने श्रीलंका को इसी तरह के हालात में हर तरह की मदद दी थी।

जवाब में फॉरेन मिनिस्टर ने कहा- असली मुद्दा आतंकवाद का है और भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में यही सबसे बड़ा अड़ंगा है। भारत इस मसले को कैसे नजरंदाज़ कर सकता है। अगर पाकिस्तान में इसी तरह टेररिज्म इंडस्ट्री चलती रहेगी तो उसकी मुश्किलें खत्म नहीं होंगी। रही बात भारत उसे कैसे मदद करे तो मैं साफ कर देना चाहता हूं कि इसके पहले मुझे अपने देश के लोगों की भावनाएं भी समझनी होंगी। मुझे ये समझना होगा कि मेरे देशवासी पाकिस्तान की मदद को लेकर क्या सोचते हैं। और इससे ज्यादा मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि देश के लोगों का जवाब तो आपको मालूम ही है।

एक दिन पहले ही जयशंकर ने न्यूज एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया था। यहां उन्होंने भारत की विदेश नीति से जुड़े अहम सवालों के जवाब दिए थे। तब भी उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र किया था। फॉरेन मिनिस्टर ने कहा था- याद रखिए, कोई मुल्क अचानक इन हालात में नहीं पहुंचता, जिनमें पाकिस्तान पहुंच चुका है। इसकी कई वजहें हैं और इन्हें सब जानते हैं।

बता दें कि रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कुछ दिन पहले कहा था- पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है। हम सब एक डिफॉल्ट हो चुके देश में रह रहे हैं। पाकिस्तान की आर्थिक तंगी को लेकर रक्षा मंत्री ने यहां तक कह दिया कि अब IMF भी हमारी मदद नहीं कर सकता है। हमें खुद ही इसका हल खोजना होगा।

महज 3 अरब डॉलर के फॉरेन रिजर्व (डिपॉजिट) के साथ दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान को बचाने की आखिरी कोशिश भी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने बुधवार रात सरकारी खर्च में जबरदस्त कटौती से जुड़े अहम ऐलान किए। कहा- मैं और कैबिनेट के बाकी मिनिस्टर्स सैलरी नहीं लेंगे। तमाम केंद्रीय मंत्री बिजली, पानी, गैस और टेलिफोन के बिल जेब से भरेंगे।

शरीफ के मुताबिक- मंत्रियों के पास मौजूद लग्जरी गाड़ियां नीलाम की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और ब्यूरोक्रेसी से भी खर्च में कटौती की अपील की गई है। हैरानी वाली बात ये है कि मुल्क बनने के बाद से अब तक (76 साल) के दौर में करीब आधा वक्त देश चला चुकी ताकतवर फौज के बजट पर शरीफ एक लफ्ज भी नहीं बोले। वो भी तब जबकि उसके पास अरबों रुपए का बजट है।

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