UP Nikay Chunav: यूपी निकाय चुनाव में दिखा, बीजेपी के लिए आसान नहीं होगी संसद की डगर

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UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव में उत्तर प्रदेश में दो दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी सांसदों के निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी को हार झेलनी पड़ी है। 

UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव में उत्तर प्रदेश में दो दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी सांसदों के निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी को हार झेलनी पड़ी है। 

UP Nikay Chunav: गौर करें तो नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी सभी 17 नगर निगम चुनाव जीतकर फूले नहीं समा रही है। वहीं नगरपालिका परिषद और नगर पंचायतों के नतीजे बता रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की डगर आसान नहीं है। कारण साफ है कि प्रदेश में दो दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा सांसदों के निर्वाचन क्षेत्र में निकाय चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। 

UP Nikay Chunav: भाजपा ने यूपी निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानते हुए चुनाव लड़ा। चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सांसदों को सौंपी गई। सभी 17 नगर निगमों में जीत मिली। कुछ जिला मुख्यालयों सहित कुल 91 नगर पालिका परिषद व 191 नगर पंचायतें भी पार्टी ने जीती है। 108 नगरपालिका परिषद और 353 नगर पंचायतों में भाजपा को हार का सामना भी करना पड़ा है।

UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव के जिलावार आंकड़े बता रहे हैं कि बीजेपी के दिग्गज सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके हैं। चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी प्रदेश मुख्यालय को मिल रहे फीडबैक में सामने आया है कि कई जगह सांसदों के करीबियों ने बगावत कर पार्टी प्रत्याशी को चुनाव हराया। कई जगह तो सांसदों के करीबी ही बगावत कर मैदान में आ गए और सांसदों ने प्रत्याशी की जगह करीबी को जिताने का काम किया।

कई जगह अपने करीबी को मैदान से हटाने में नाकाम रहे और उसके बाद पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार में भी दिलचस्पी नहीं ली। जानकारों का मानना है कि निकाय चुनाव भले ही स्थानीय राजनीतिक और मुद्दों पर लड़ा जाता है, लेकिन परिणाम का असर आगे तक रहता है।

आंकड़ों पर गौर करें तो केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े महराजगंज जिले की 8 में तीन नगर पंचायतें भाजपा ने जीती हैं। जबकि दोनों नगरपालिका परिषद में भाजपा हारी है। 

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के मुजफ्फरनगर जिले की 8 नगर पंचायतों में से एक भी भाजपा नहीं जीती है। दो नगरपालिका में से केवल एक मुजफ्फरनगर नगरपालिका जीती है। 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की एक नगर पालिका परिषद भाजपा हारी है। नौ में से 5 नगर पंचायतें भाजपा ने जीती है। 

भोजपुरी गायक व सांसद दिनेश लाल उर्फ निरहुआ के संसदीय क्षेत्र से जुड़े आजमगढ़ जिले की सभी तीन नगरपालिका में बीजेपी की हार हुई है।  

मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल के क्षेत्र की हापुड़ सदर नगरपालिका सीट बसपा ने जीत ली।  निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के सांसद पुत्र प्रवीण निषाद के क्षेत्र की नगरपालिका परिषद खलीलाबाद और नगर पंचायत मगहर में भाजपा की हार हुई। 

एटा में भी चिंता बढ़ी– पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजबीर सिंह के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े एटा जिले की छह में से मात्र एक अवागढ़ नगर पंचायत भाजपा ने जीती है। हालांकि चार नगर पालिका में से एटा और अलीगंज में भाजपा जीती है। 

सत्यपाल भी नहीं दिखा सके कमाल– सांसद सत्यपाल सिंह के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े बागपत जिले की सभी छह नगर पंचायतें भाजपा हारी है। तीन नगर पालिका परिषद में से केवल एकमात्र खेकड़ा नगर पालिका में भाजपा जीती है। 

साक्षी महाराज भी नहीं बचा सके सीटें– तेजतर्रार सांसद साक्षी महाराज के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े उन्नाव जिले में 16 में से केवल तीन नगर पंचायत, तीन नगरपालिका परिषद में से केवल एक उन्नाव नगर पालिका परिषद भाजपा जीती है। 

UP Nikay Chunav: इटावा में हो गया सफाया– पूर्व मंत्री, एससी आयोग के पूर्व अध्यक्ष व इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया के निर्वाचन क्षेत्र के जिले इटावा में तीन नगरपालिका परिषद और तीन नगर पंचायतों में एक भी जगह जीत नहीं मिली है। बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत के क्षेत्र के जिले फर्रुखाबाद में सात में दो नगर पंचायत भाजपा ने जीती हैं। जबकि दोनों नगरपालिका परिषद में बीजेपी की हार हुई है।

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