सुरसरि सरसरि दिनकर कन्या, मेकलसुता गोदावरी धन्या
सब सर सिंधु नदी नद नाना, मंदाकिनी कर करहिं बखाना।
चित्रकूट। यह दो लाइनें मंदाकिनी गंगा का महात्म बताने के लिए काफी है। चित्रकूट में मंदाकिनी की गंदगी और पयस्वनी व सरयू के लुप्त होने के पीछे कौन से कारण हम स्वयं हैं। स्वार्थ में डूबकर हमने नदियों की जमीनों पर कंक्रीट के जंगल खड़े किए और वनों का काटकर जमीन साफ कर दी। लिहाजा प्रमुख नदियां गायब हो गई।
संदीप रिछारिया
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