अवलोकत अपहरद विषादा

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चित्रकूट अनादि तीर्थ है, तीर्थराज है। क्योंकि यहां पर राम(विष्णु) शिव की आराधना करते है तो शिव राम की आराधना करते है। प्रजापिता ब्रह्मा शिव और राम (विष्णु) दोनो की उपासना करते है। सबसे आश्चर्यजनक यह है कि यहाँ पर तीनों महासती अनुसुईया के बालक बन जाते है। विचित्रताओं से भरे इस वन्य प्रदेश में आराधना और तप की ऊर्जा के साक्षात दर्शन लोगो को अनायास मिलते है। श्री कामदगिरि परिक्रमा की महिमा अनुपम है। इसको शब्दो मे बांधना सम्भव नही। राम द्वारा पूजित,राम का प्रसाद या फिर बहुत सारे अन्य उदाहरण,लेकिन एक बात सत्य यह है कि यह मनोकामनाओं की पूर्ति हमेशा से करता चला आ रहा है।

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