कोरोना महामारी से बचाने को पेमेंट मुक्त ‘टीकाʼ

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पत्रकारों से बात करते महंत वरूण प्रपन्नाचार्य जी महराज, महंत राम जनम दास व महंत मोहित दास जी।

– स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने छेड़ रखा है अभियान

रिपोर्ट – संदीप रिछारिया

धर्मक्षेत्र। कोरोना की विभीषिका से बचाने के लिए स्वदेशी जागरण मंच से जुड़े पदाधिकारियों ने सरकार को एक नया नुक्शा सुझाया है। मंच से जुड़े लोगों का कहना है कि कोविड से बचाव के लिए जब अब केवल टीका ही एक मात्र उपाय है तो सरकार को इसे पेमेन्ट मुक्त कर देना चाहिए। इससे स्वदेशी कपंनियों को काफी फायदा होगा।

रामघाट स्थित बड़ा अखाड़ा में पत्रकारों से बात करते हुए मंच के संरक्षक महन्त वरूण प्रपन्नाचार्य जी महराज ने कहा कि विश्व की अधिकांश जनसंख्या आज कोरोना के संक्रमण के भय से त्रस्त है। इस संक्रमण की चिकित्सा व रोकथाम की औषधियों व टीकों पर बड़ी कम्पनियों के पेटेन्ट के कारण से सबको सुलभ नहीं है। मानव का जीवन का अधिकार, सार्वभौम मौलिक अधिकार है। कुछ कम्पनियों को पेटेन्ट से मुनाफा कमाने हेतु असीमित अधिकार देकर करोड़ों लोगों के जीवन के अधिकार पर आंच आये, ऐसा नहीं होने दिया जा सकता। इन टीकों और दवाओं को पेटेन्ट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी के हस्तांतरण के लिए एक सघन अभियान चलाया जा रहा है। यद्यपि कोविड के इलाज से संबंधित कई दवाओं का स्थानीय उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए उपलब्ध मात्रा अत्यधिक अपर्याप्त है। इजरायल, अमेरिका, इंग्लैंड आदि जिन 6 देशों की वयस्क जनसंख्या का टीकाकरण हो गया है, वहाँ कोरोना संकट लगभग समाप्त हो गया है। इसलिए भारत सहित विश्व की समग्र जनसंख्या ( लगभग 600 करोड़) का तत्काल टीकाकरण की जरूरत है। इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच ने कोविड के टीकों व औषधियों को पेटेन्ट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी इनके उत्पादन में सक्षम सभी दवा उत्पादकों को सुलभ कराने की माँग करते हुए सघन जन-जागरण अभियान छेड़ा हुआ है। इसके अन्तर्गत देशभर में व देश के बाहर भी टीकों व औषधियों की सर्व-सुलभता हेतु यूनिवर्सल एक्सेस टू वैक्सीन एण्ड मेडीसिन अर्थात् युवम के नाम से यह अभियान चल रहा है। इसमें ऑनलाईन हस्ताक्षर अभियान सहित वेबीनार, गोष्ठियों, प्रदर्शन सम्पर्क प्रचार की प्रक्रिया चल रही है। ऑनलाईन पिटीशन डिजिटल हस्ताक्षर अभियान के तहत स्वदेशी जागरण मंच, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के 49 जिले के कार्यकर्ताओं ने डेढ़ लाख ( 1,50,000) से अधिक डिजिटल पिटीशन हस्ताक्षर करा लिए हैं और पूरे देश में पाँच लाख (5.00.000) से अधिक डिजिटल पिटीशन हस्ताक्षर हो चुके हैं।

इस दौरान सह संयोजक महन्त मोहित दास ने कहा कि भारत में कम से कम 70 प्रतिशत जनसंख्या के टीकाकरण के लिए लगभग 200 करोड़ खुराक की आवश्यकता है। इस बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए इनकी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा और इनके पेटेंट और व्यापार रहस्य सहित बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उपाय करने होंगे। वैश्विक सर्वसुलभ वैक्सीन एवं दवाइयाँ अभियान के अंतर्गत देश और विदेश के विविध सामाजिक, सांस्कृतिक व प्रकार के संगठनों शिक्षा संस्थानों, प्रबुद्ध जनों शिक्षाविदों, न्यायाधीशों और सभी व्यक्तियों से सहयोग लिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने दक्षिण अफ्रीका के साथ विगत अक्टूबर में ही इन्हें पेटेंट मुक्त करने का विश्व व्यापार संगठन में जो ट्रिप्स समझौते से छूट का प्रस्ताव रखा उसका 120 देशों ने अब तक समर्थन कर दिया है। इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे देशों ध् कम्पनियों ध् व्यक्ति समूहों से हम पुरजोर आग्रह करते हैं कि मानवता के हित में वे अविलंब इसका विरोध बन्द करें।

सह संयोजक महंत रामजनम दास जी महराज ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन सहित विश्व की सभी सरकारों से मंच दृढतापूर्वक आग्रह करता है कि टीकों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सभी संभावित निर्माताओं के लिए व्यापार रहस्य सहित टीकों के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कच्चे माल की उपलब्धता, व्यापार रहस्य सहित सभी सुविधाएँ सुनिश्चत की जाएँ। रेमडिसीविर, टोसीलुजुमाब और अन्य अनावश्यक दवाओं के उत्पादन और मोलनुपीरविर जैसी नई दवाओं का प्रचुरता से उत्पादन सुनिश्चित किया जाए। वैश्विक स्तर पर वैक्सीन और दवाइयों के पर्याप्त उत्पादन के साथ-साथ इनके मूल्यों पर प्रभावी नियंत्रण भी आवश्यक है।

मंच के सह जिला संयोजक राजेश पांडेय ने बताया कि डिजिटल हस्ताक्षर अभियान में अभी तक लगभग पाँच लाख से अधिक लोग इस याचिका पर हस्ताक्षर कर चुके ऐसी एक दूसरी याचिका पर भी भारत और विश्व के 20 देशों के 1600 से अधिक उच्च शिक्षाविदों प्रबुद्ध नागरिकों ने हस्ताक्षर करते हुए माँग की है कि विश्व व्यापार संगठन, बौद्धिक संपदा अधिकार के प्रावधानों में छूट दें। वैश्विक दवा निर्माता और वैक्सीन निर्माता कम्पनियाँ स्वेच्छा से, मानवता के लिए अन्य निर्माताओं को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित पेटेंट मुक्त अधिकार दें। सरकार पटेंट धारकों से इतर भी अन्य सभी दवा निर्माताओं को वैक्सीन व दवाइयों को बनाने का अधिकार आवश्यक प्रौद्योगिकी व उत्पादन सामग्री की उपलब्धता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए, उन्हें प्रोत्साहन दे। कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए एवं वैक्सीन और दवाओं की वैश्विक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी देशभक्त जनता संबंधित व्यक्ति और संगठन बढ़-चढ़कर आगे आएँ। इस दौरान जिला संयोजक महन्त महेंद्र दास सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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