पत्रकार सुशील तिवारी को पितृ शोक

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सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे गुड्डा तिवारी का निधन

गुड्डा तिवारी सामाजिक सौहार्द और मानवीय संवेदनाओं की जीवंत मिसाल थे : विवेक विक्रम सिंह, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक

इलाज के दौरान लखनऊ में ली अंतिम सांस, डीह कस्बे में शोक की लहर

सैकड़ों ग्रामीणों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई, जनप्रतिनिधियों से लेकर ग्रामीणों तक उमड़ा जनसैलाब

डीह, रायबरेली। भारतीय जनता पार्टी के डीह बूथ अध्यक्ष, सामाजिक सरोकारों से गहराई से जुड़े और क्षेत्र में अपनी सरलता, सौम्यता व सेवा-भाव के लिए पहचाने जाने वाले समाजसेवी कृष्ण कुमार तिवारी उर्फ ‘गुड्डा तिवारी’ (59) का बुधवार सुबह लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में वेंटीलेटर पर भर्ती थे, इलाज के दौरान निधन हो गया। विश्ववार्ता के डीह ब्लॉक से वरिष्ठ पत्रकार सुशील तिवारी के पिता के निधन की खबर मिलते ही पूरे डीह कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। बताते चलें कि गुड्डा तिवारी बीते 9 माह से बीच बीच अस्वस्थ चल रहे थे। फरवरी से मधुमेह और उच्च रक्तचाप की गंभीर समस्या के चलते उनका इलाज पहले एम्स में कराया गया, बाद में स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार न होने पर उन्हें लखनऊ अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। बुधवार को जब उनका पार्थिव शरीर लखनऊ से डीह स्थित आवास पर लगभग साढ़े ग्यारह बजे पहुंचा, तो मानो पूरा कस्बा शोक में डूब गया। घर के बाहर पहले से भारी भीड़ महिलाओं, पुरुषों की श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लग गया। सुबह से देर शाम तक लोगों के आने-जाने का सिलसिला चलता रहा। अंतिम संस्कार में हर आंख नम थी और हर जुबान पर एक ही बात सुनाई देती रही कि “गुड्डा तिवारी बहुत नेक और जिंदादिल इंसान थे। गुड्डा तिवारी अपने पीछे धर्मपत्नी, तीन पुत्र, एक पुत्री सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार गांव के ही बगीचे में किया गया, जहां सैकड़ों की संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर अश्रुपूरित नेत्रों से अंतिम विदाई दी। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं रायबरेली जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष विवेक विक्रम सिंह ने कहा कि लंबे समय से भाजपा के डीह अध्यक्ष रहे गुड्डा तिवारी केवल एक राजनीतिक पदाधिकारी नहीं थे, बल्कि वे सामाजिक सौहार्द और मानवीय संवेदनाओं की जीवंत मिसाल थे। उनकी भरपाई संभव नहीं है। लोगों ने बताया कि वे शिव के अनन्य भक्त थे और प्रतिदिन अपने घर के सामने स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा-अर्चना किया करते थे। गरीबों की मदद, पीड़ितों को सहारा देना और जरूरतमंदों के लिए आगे आना उनके जीवन की दिनचर्या का हिस्सा था।उनकी मिलनसारिता, सरल व्यवहार और निस्वार्थ सेवा ने उन्हें हर वर्ग में सम्मान दिलाया। कस्बे में जैसे ही उनके निधन का समाचार फैला, लोगों का कारवां स्वतः उनके आवास की ओर उमड़ पड़ा। हर कोई पत्रकार सुशील तिवारी, बृजेश तिवारी और प्रवेश तिवारी तीनों पुत्रों से मिलकर अपनी शोक-संवेदना प्रकट करता नजर आया।

राजनीतिक, सामाजिक और मीडिया जगत की उमड़ी भीड़

डीह कस्बे में अपरान्ह अंतिम संस्कार और शोक सभा में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष विवेक विक्रम सिंह, डीह भाजपा मंडल अध्यक्ष राजकुमार द्विवेदी, अमेठी की वरिष्ठ कांग्रेस नेता एसपी सिंहमाजसेवी अखिलेश सिंह, ग्राम प्रधान संघ डीह ब्लॉक अध्यक्ष फूलचंद्र अग्रहरि, डीह प्रधान दयावती अग्रहरि, पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष रंजीत सिंह, पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष पारसनाथ उपाध्याय, पंडित अनुराग शास्त्री, सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और क्षेत्रीय नागरिक उपस्थित रहे। मीडिया जगत से वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश मिश्रा, गौरव अवस्थी, प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रेम द्विवेदी, महेश त्रिवेदी , राजेश राजन मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार विजय किरन द्विवेदी, पवन श्रीवास्तव, बीपी सिंह, देश दीपक पांडेय, राजा सिंह, सुशील शुक्ला, शशी सिंह, रुद्र नारायण शुक्ल, रमेश अग्रहरि, निशांत सिंह, मनीष श्रीवास्तव ,प्रदीप गुप्ता, आनंद श्रीवास्तव,अंबुज सिंह, आलोक मिश्रा, रमेश जोशी, आनंद पांडेय, विजय सिंह, विकास बाजपेई, उमेश श्रीवास्तव सहित अनेक पत्रकारों ने गहरी संवेदना व्यक्त की। इसके अतिरिक्त व्यापारी वर्ग, ग्राम प्रधान, समाजसेवी और सैकड़ों ग्रामीणों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की। गुड्डा तिवारी का जाना डीह कस्बे के लिए एक ऐसी क्षति है, जिसकी भरपाई संभव नहीं। वे स्मृतियों में एक नेकदिल, सेवाभावी और शिव-भक्त व्यक्तित्व के रूप में सदैव जीवित रहेंगे।

अनुज मौर्य /एडवोकेट मनीष श्रीवास्तव रिपोर्ट

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