सीएचसी में डॉक्टरों के साथ बाहरी गुर्गों का जमावड़ा।
लालगंज (रायबरेली), एक ओर जहां सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयासरत है, वहीं लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सीएचसी में कार्यरत एक एक डॉक्टर के साथ आधा आधा दर्जन बाहरी गुर्गों का जमावड़ा देखा जा सकता है। ये बाहरी लोग डॉक्टर के एजेंट के रूप में काम करते हुए फर्जीवाड़े को बढ़ावा दे रहे हैं। कोई ऐतराज करता है तो यही एजेंट मरीजों से मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। सूत्रों के अनुसार इन गुर्गों का मुख्य काम डॉक्टर के इशारे पर मरीजों को निजी जांच केंद्रों और मेडिकल स्टोरों की ओर मोड़ना है।
मरीजों को सरकारी दवाओं की बजाय महंगी बाहरी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। अनावश्यक जांचों का दबाव डालकर निजी लैब से कमीशन की मोटी कमाई की जा रही है। यह पूरा खेल डॉक्टर और इन एजेंटों की मिलीभगत से चल रहा है। मरीजों का कहना है कि वे सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने आते हैं, लेकिन उन्हें फर्जी जांचों और महंगी सेटिंग की दवाओं के चक्कर में फंसाया जा रहा है। कहने को तो अस्पताल में एक रुपए का पर्चा बनाया जा रहा है, लेकिन मरीज का एक बार मे डेढ़ से दो हजार रुपये से कम खर्चा नहीं लगता है। अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं है इसके बावजूद फार्मासिस्ट और एजेंट मिलकर सरकारी डिस्पेंसरी में उपलब्ध सर्जिकल सामान से प्लास्टर चढ़ाकर न केवल मरीजों को लूट रहे हैं बल्कि उनकी जिंदगी से खिलवाड़ भी कर रहे हैं।
कमीशन की कमाई के बंटवारे को लेकर भी कई बार इन गुर्गों को आपस में झगड़ने की खबरें भी हैं। इस मामले में स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी भी सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस गोरखधंधे पर रोक नहीं लगाई गई, तो सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर से जनता का भरोसा पूरी तरह उठ जाएगा।
रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा