मशहूर साहित्यकार अज्ञेय पर लिखी पुस्तक का हुआ विमोचन एवं परिचर्चा

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डा. आकांक्षा अग्रवाल ने अज्ञेय के कथा साहित्य में सामाजिक संवेदना पर लिखी है पुस्तक


हिंदी साहित्य जगत के मशहूर रचनाकार सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित पुस्तक का अनावरण इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ . इस अवसर पर अज्ञेय के रचनाकर्म पर परिचर्चा का भी आयोजन हुआ .
संचेतना के तत्वावधान में डॉ॰ आकांक्षा अग्रवाल की पुस्तक “अज्ञेय के कथा साहित्य में सामाजिक संवेदना” का आयोजन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉक्टर धीरेंद्र वर्मा सभागार में हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रणय कृष्ण, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर लालसा यादव, प्रोफेसर राकेश सिंह एवम् प्रोफेसर सुनील विक्रम सिंह ने डॉ॰ आकांक्षा अग्रवाल की पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रणय कृष्ण ने कहा कि प्रगतिशील आलोचना ने अज्ञेय के कथा साहित्य का मूल्यांकन तो किया लेकिन उनके कई रूप का मूल्यांकन नहीं किया। पुस्तक की लेखिका डॉ आकांक्षा अग्रवाल ने कहा कि अज्ञेय के कथा साहित्य पर व्यक्तिवाद का आरोप उचित नहीं है अपितु उनकी रचनाओं में सामाजिकता भी उपलब्ध है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर सुनील विक्रम सिंह ने कहा कि अज्ञेय का बहुआयामी व्यक्तित्व हमें विस्तृत करता है।
कार्यक्रम का संचालन युवा कवि देवेश पाण्डेय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन संचेतना के सचिव डॉ अनिल कुमार ने किया। कार्यक्रम में लेखिका की मां उर्मिला गुप्ता एवं उनके परिजन के अलावा डॉ॰ वीरेन्द्र तिवारी, डॉ॰ योगेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ॰ सूर्यनारायण सिंह, डॉ सुजीत कुमार सिंह, डॉ विनम्र सेन सिंह, डॉ॰ दिनेश कुमार, डॉ॰ सोनम राय, डॉ॰ अनुराधा सिंह, सौरभ मिश्रा, सौम्या राज, आशुतोष मिश्रा समेत साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।

राकेश अग्रवाल रिपोर्ट

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