रेल राज्य मंत्री ने की उत्तर मध्य रेलवे में माल लदान की समीक्षा

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रिपोर्ट – राकेश कुमार अग्रवाल

झांसी। रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी ने महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे, प्रमुख विभागाध्यक्षों और प्रयागराज, आगरा और झांसी मण्डलों के मण्डल रेल प्रबंधकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर मध्य रेलवे पर माल लदान प्रदर्शन की समीक्षा की ।

महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने माल लदान प्रदर्शन, माल लदान से राजस्व, माल लदान बढ़ाने हेतु उत्तर मध्य रेलवे के प्रयासों, माल गाड़ियों की औसत गति, गुड्स शेडों में अल्पावधिक सुधार कार्यों एवं प्रमुख अवसंरचनात्मक कार्यों के लिए कार्य योजनायें, समयबद्ध पार्सल और कंटेनर ट्रेनों का संचालन, बीडीयू का गठन और इन इकाइयों द्वारा नये यातायात को लाने, मार्केटिंग प्रयासों, पीपीपी मॉडल पर गुड्स शेड के विकास आदि पर एक संक्षिप्त पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया।

चौधरी ने माननीय मंत्री को अवगत कराया कि उत्तर मध्य रेलवे मुख्य रूप से एक पासिंग थ्रू रेलवे है, हालांकि ओरिजिनेटिंग माल लदान में बढोत्तरी हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाने के साथ साथ उत्तर मध्य रेलवे ने रेलवे बोर्ड के वर्ष 2020-21 के 16.94 मिलियन टन के निर्धारित लक्ष्य से 1.4 गुना लदान करने की महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर भी कार्य कर रहा है। यह प्रयास उत्तर मध्य रेलवे को कम यात्री ट्रेन संचालन के कारण राजस्व के अंतर को कम करने में सहायक सिद्ध होगा। महाप्रबंधक ने मौजूदा और संभावित ग्राहकों के साथ निरंतर संवाद के माध्यम से नये यातायात को प्राप्त करने में उत्तर मध्य रेलवे की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटों के सक्रिय दृष्टिकोण पर जानकारी दी। श्री चौधरी ने यह भी बताया कि 16 गुड्स शेडों में शॉर्ट टर्म सुधार किये जा चुके हैं। और उत्तर मध्य रेलवे ने अभियान मोड में कार्य करते लॉन्ग टर्म सुधार कार्यों के अंतर्गत वर्तमान वित्त वर्ष में स्वीकृत 10 कार्यो पर कार्यांवयन कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि रेलवे द्वारा किये गये सुधार कार्यों के अतिरिक्त , प्रयागराज और आगरा मण्डलों में पीपीपी मॉडल के माध्यम से 17 गुड्स शेड विकसित करने के लिए व्यावसायिक प्रस्ताव भी रुचि का अभिव्यक्ति (ईओआई) के माध्यम से आमंत्रित किये गये हैं । आमंत्रित ईओआई की मुख्य विशेषता यह है कि पहली बार आवेदक को विकास, राजस्व साझाकरण मॉडल, अवधि आदि की बिंदुओं की पहचान पर पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है। किंतु मालभाड़ा रेट अपरिवर्तनीय रहेगा।

महाप्रबंधक श्री चौधरी ने अवगत कराया कि उत्तर मध्य रेलवे पर अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने माल लदान बढ़ाने की दिशा में अथक प्रयास किए हैं और उत्तर मध्य रेलवे ने माल लदान में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा दी गई सभी रियायत और सब्सिडी की मार्जेटिंग और कार्यान्वयन किया है। स्टेशन टू स्टेशन (एसटीएस) रियायती दर रेलवे की एक महत्वपूर्ण पहल है जो कि निर्धारित ओरिजिनेटिंग और गंतव्य बिंदुओं के मध्य निर्दिष्ट वस्तुओं के इंक्रीमेंटल और नए यातायात के लिए माल भाड़े में 30% तक रियायत प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि उत्तर मध्य रेलवे स्टेशन टू स्टेशन (एसटीएस) प्रस्तावों को अंतिम रूप देने में सभी क्षेत्रीय रेलवे में अग्रणी है।उत्तर मध्य रेलवे द्वारा अब तक दतिया, डबरा, एटा, खेरली और रायारू से 05 एसटीएस प्रस्तावों को अंतिम रूप दे दिया गया है। ललितपुर और कबरई के एसटीएस प्रस्ताव समझौते के चरण में हैं और हाथरस किला, कबरई, मथुरा, एटा (दूसरा प्रस्ताव) और पनकीधाम / सीपीसी कानपुर के 05 प्रस्तावों पर कार्यवाही जारी है जिससे उत्तर मध्य रेलवे द्वारा कार्यांन्वित एसटीएस की कुल संख्या 12 तक पहुंच गई है . रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी ने माल लदान बढ़ाने, माल गाड़ियों की औसत गति और नये यातायात को लाने के प्रयासों के लिए उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक , अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड के तहत गुड्स शेडों का विकास रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा और निर्देश दिया कि हमें अपने प्रस्तावों को और अधिक ग्राहक उन्मुख बनाने का प्रयास करना चाहिए।

Rakesh Kumar Agrawal

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