9 महीने बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने लिखा मुकदमा

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सलोन(रायबरेली) : कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत करहिया चौकी क्षेत्र के कान्हपुर गांव निवासी विकास पांडेय को इंसाफ पाने के लिए न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।लगभग नौ महीने पहले हुई मारपीट की घटना में स्थानीय पुलिस द्वारा टालमटोल करने और रिपोर्ट दर्ज न किए जाने के चलते पीड़ित को लंबी कानूनी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ा।अंततः न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने 2 जुलाई 2025 को मुकदमा दर्ज किया।पीड़ित की तहरीर के अनुसार एक अक्टूबर 2024 को विकास पांडेय पुत्र कालिका प्रसाद पांडेय सुबह नित्य क्रिया के बाद घर लौट रहे थे।इसी दौरान रास्ते में पहले से घात लगाए बैठे मंशा देवी पुत्री चंद्रभूषण और मनोज कुमार पुत्र चंद्रभूषण ने उन्हें रोक लिया।बताया जा रहा है कि आरोपी लंबे समय से घर के सामने बार-बार वाहन निकालने को लेकर विवाद कर रहे थे।उसी बात को लेकर दोनों ने रास्ता रोककर विकास से देखते ही देखते लाठी-डंडों से मारपीट शुरू कर दी।आरोप है कि हमलावरों ने विकास की सोने की चेन भी छीन ली और उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया।घटना के बाद विकास पांडेय ने तत्काल करहिया पुलिस चौकी में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने फोर्स की कमी का हवाला देते हुए दो दिन बाद जांच कर रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही।पीड़ित जब दो दिन बाद दोबारा चौकी पहुंचा, तो पुलिस ने उसे सलोन कोतवाली भेज दिया, जहां तीन अक्टूबर 24 को पूरा दिन इंतजार करने के बावजूद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।न्याय न मिलने पर पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।न्यायालय में चल रही लंबी प्रक्रिया के बाद अंततः 2 जुलाई 2025 को कोर्ट के आदेश पर सलोन पुलिस ने आरोपी मंशा देवी व मनोज कुमार के विरुद्ध गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।पीड़ित का कहना है कि यदि समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती तो न्याय के लिए नौ महीने तक दर-दर भटकना न पड़ता।वहीं स्थानीय लोगों का भी आरोप है कि पुलिस चौकी पर अक्सर पीड़ितों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जाता।

संतोष मोदनवाल रिपोर्ट

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