अटकन चटकन – संगीतमय बाल फिल्म में बुंदेली छौंक

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बचपन में आप सभी ने एक बालगीत जरूर सुना होगा ‘ अटकन बटकन दही चटकन ‘ हसरत जयपुरी द्वारा रचा गया जहूर खय्याम द्वारा संगीतबद्ध इस गीत को हनी ईरानी ने गाया था . यह लोकप्रिय गाना १९६० में आई फिल्म बारूद का था .

इसी गाने के बोल को फिल्म का टाइटल बनाकर निर्देशक शिव हरे ने ए आर के साथ मिलकर म्यूजिकल फिल्म बनाई है ‘ अटकन चटकन ‘ . फिल्म ५ सितम्बर को ओटीटी प्लेटफार्म जी ५ पर रिलीज हो गई है . देश में यूं तो बाल फिल्में बहुत ही कम बनती हैं . फिर भी हर बार गर्मियों में बच्चों पर केन्द्रित एक दो फिल्में रिलीज हो जाती हैं. अटकन चटकन ऐसी ही फिल्म है जिसे गर्मियों की छुट्टियों में रिलीज होना था लेकिन कोरोना के चलते फिल्म का प्रदर्शन कुछ विलम्ब से हुआ .

फिल्म की कहानी एक ऐसे गरीब लडके पर फोकस है जिसके रग रग में म्यूजिक समाया है . उसकी चाल में म्यूजिक है . चाय की दुकान पर बर्तन धोने में म्यूजिक है . कबाडी के गोदाम में कबाड में म्यूजिक है . फिल्म में उसकी इंट्री ही लाजवाब है . यह किरदार जिस चाइल्ड आर्टिस्ट ने निभाया है उसका नाम है लिडियन नधास्वरम . १३ वर्षीय लिडियन नधास्वरम ने अमेरिकन रियलटी शो ” द वर्ल्ड बेस्ट ” का खिताब जीता है . लिडियन दुनिया का सबसे अच्छा चाइल्ड पियानिस्ट है . फिल्म में लिडियन गुड्डू बना है . उसके अन्य साथी माधव, छुट्टन , मीठी हैं . जिनके साथ मिलकर ये संगीत की सबसे बडी प्रतियोगिता में भाग लेते हैं . फिल्म का प्लाट बुंदेलखंड से जुडा है . फिल्म में जमुनिया गांव के नाम पर झांसी , ओरछा, बेतवा , बुंदेली भाषा , झांसी का किला , बुंदेला बस सर्विस , ओरछा के महल , ध्यानचंद का स्टेच्यु , रेलवे यार्ड सब कुछ दिखाया गया है . सबसे बडी बात राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित गीत ‘ नर हो न निराश करो मन को ‘ को अनूठे पाॅप अंदाज नें पिरोकर परोसा गया है जो काफी प्रभावशाली बन पडा है . गीत संगीत फिल्म की जान है . गीतों को मशहूर गायकों सोनू निगम व हरिहरन के अलावा अमिताभ बच्चन ने भी आवाज दी है . बाल कलाकारों यश राणे , सचिन चौधरी , व तमन्ना दीपक छाप छोडने में कामयाब रही हैं.

ओटीटी पर अमेजान प्राइम पर वेब सीरीज ‘ बंदिश बैंडिट्स ‘ के बाद यह म्यूजिकल फिल्म आई है. कुछ खामियों को छोड दें तो इस तरह की फिल्म बनाना तारीफ – ए – काबिल है . अगर आपके दिल में भी बुंदेलखंड धडकता है . आपको बच्चों के प्रयास भाते हों और म्यूजिक आपकी रग रग में समाया हो तो फिर आपको ‘ अटकन चटकन ‘ को मिस नहीं करना चाहिए .

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