लोहिया संकल्पित राष्ट्रीय रामायण मेला

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रामायण मेला का आगामी समारोह 10 अप्रैल से होगा शुरू

विशाल प्रदर्शनी की तैयारी जोरों पर

संदीप रिछारिया
वरिष्ठ संपादक

श्रीचित्रकूटधाम। त्रिदेवों की जन्मस्थली के साथ ही भगवान श्रीराम की प्रवास भूमि, सुप्रसिद्ध तीर्थ एवं पर्यटन स्थल चित्रकूट में विगत वर्षों की भांति रामायण मेला का 49वाँ समारोह दिनांक 10 अप्रैल से प्रारम्भ होगा।

समतामूलक समाज की संरचना, भारतीय संस्कृति के संवर्धन, मानवीय मूल्यों को उजागर करने और राष्ट्रीय एकता, अखंडता एवं भावात्मकता को परिपुष्ट करने जैसे महान उद्देश्यों की सम्प्राप्ति के लिए वर्ष 1960 में रामायण मेला आयोजन की परिकल्पना महान समाजसेवी चिंतक डा0 राममनोहर लोहिया ने की थी। उनके द्वारा प्रस्तुत योजनानुसार वर्ष 1973 से चित्रकूट की पावनधरा पर मेला का शुभारम्भ हुआ। तब से निरन्तर प्रतिवर्ष नये कलेवर के साथ मेला आयोजित होता आ रहा है।

49वाँ समारोह महाशिवरात्रि से प्रारम्भ होना था,लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए रामायण मेला भवन अधिगृहीत कर लिए जाने के कारण आगे बढ़ाकर 10 • अप्रैल कर दिया गया। प्रचंड गर्मी के कारण दोपहर में होने वाले सभी कार्यक्रमो को रोक दिया गया है। वैसे आयोजकों की माने तो अथक प्रयास करने के बावजूद भी प्रतिवर्ष आयोजनार्थ मिलने वाला अनुदान अभी समिति के खाते में नहीं मिला। जिससे समिति के समक्ष भारी आर्थिक संकट है।

रामायण मेला के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश कुमार करवरिया एवं महामंत्री करुणा शंकर द्विवेदी ने पत्रकारों से बताया कि समस्याये रखते हुए विश्वास व्यक्त किया कि हर कोशिश से मेला के स्तर को बनाये रखने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रामायण मेला में प्रतिभाग करने के लिए रामकथा के अधिकारी विद्वान, ख्यातिलब्ध कथा व्यास, उच्चस्तरीय सांस्कृतिक दल और कलाकार “आमंत्रित किये गए हैं जो भगवान श्रीराम के आदर्शों के माध्यम से मेला के उद्देश्यों की सम्प्राप्ति का समवेत् प्रयास करेंगे।

मेला में प्रतिभाग करने आ रहे रमेश पाल बांदा का दिवारी नृत्य, मानसी सिंह लखनऊ के लोकगीत एवं भजन, रामाधीन आर्य झांसी, सूर्य उदय परिवार प्रयागराज की ध्वनि एवं प्रकाश के माध्यम से रामलीला, डा० विशेष नारायण एवं श्री लल्लूराम शुक्ल का भजन गायन आदि विशेष आकर्षण होंगे।

आयोजन के लिए मेला भवन सजाया, सँवारा जा रहा है। जिला प्रशासन का यथासंभव सहयोग मिल रहा है। विशेषकर रामायण मेला प्रेमी क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से आशा है कि गेला भव्य रूप में सबके समक्ष होगा।

विश्व प्रसिध्द वृन्दावन रासलीला संस्थान वृन्दावन के द्वारा प्रतिदिन सुबह के सत्र में रासलीला व शाम के सत्र में रामलीला का आयोजन होगा।

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