शराब बियर से निकलने वाला चारा “सड़वा”का जिले मे फ़ैल रहा तेजी से कारोबार,सीवीओ ने मारा छापा

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सलोन(रायबरेली) : क्षेत्र में शराब व बीयर निर्माण से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ से तैयार किए जा रहे ‘सड़वा’ नामक चारे का कारोबार तेजी से फैल रहा है। यह चारा चोकर, खली और सामान्य पशु आहार की तुलना में सस्ता होने के कारण पशुपालकों के बीच आसान विकल्प बन गया है। लेकिन इसकी भारी कीमत दुधारू पशु अपनी सेहत से चुका रहे हैं। बीते दिनों पशुओं के बीमार होने के बढ़ते मामलों ने ग्रामीणों को चिंतित कर दिया है।मंगलवार को ग्रामीणों की शिकायत पर पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वीरेंद्र प्रताप सिंह अपनी टीम के साथ मानिकपुर रोड, उसरी, गणेशगंज और लालापुर स्थित चार डिपो पर छापेमारी की।डॉक्टर सिंह ने बताया कि कारोबारियों से लैब रिपोर्ट और अन्य आवश्यक अभिलेख मांगे गए हैं। कागजों की जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी।जांच के दौरान मौजूद ग्रामीण शिव बहादुर, कृष्ण कुमार, रामआसरे, राम गोपाल का कहना है कि शराब निर्माण से जुड़े अपशिष्ट को चारे के रूप में खिलाना न केवल दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे प्राप्त होने वाला दूध भी गुणवत्ता खो देता है। ऐसे दूध का सेवन मनुष्यों में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि पवित्र मानी जाने वाली गाय सहित अन्य पशुओं को ऐसा चारा खिलाया जाना धार्मिक और नैतिक दोनों ही दृष्टियों से अनुचित है।सूत्रों की मानें तो अधिक दूध उत्पादन के लालच में कई पशुपालक सस्ते ‘सड़वा’ का उपयोग कर रहे हैं, जिससे न केवल पशुओं की जिंदगी खतरे में पड़ रही है, बल्कि मानव स्वास्थ्य भी जोखिम में है। क्षेत्र में इस प्रतिबंधित चारे की थोक सप्लाई बड़े वाहनों के जरिए अन्य जिलों तक पहुंचाई जाती है।छापेमारी के बाद कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है, जबकि ग्रामीण प्रशासन से इस अवैध और खतरनाक चारे पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं।

अनुज मौर्य/आशीष कुमार रिपोर्ट

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