BDO ने सरकारी कार्यों में लापरवाही व सरकारी पत्रावलियों को गायब करने के मामले में दो लेखाकारों पर दर्ज कराया मुकदमा

102020

सलोन,रायबरेली।विकास खंड रोहनिया में तैनात दो लेखाकारों के ऊपर सरकारी पत्रावलियां गायब करने व सरकारी दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के मामले में खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह के तहरीर पर सलोन कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जिसमें एक लेखाकार शिव नारायण मिश्रा वर्तमान में सेवानिवृत हो चुके है।यह कार्यवाही ऑडिट के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में विकास व मरम्मत कार्य में खर्च की गई सरकारी धनराशि की पुष्टि न होने की वजह से की गई है। विकास खंड रोहनिया के रघुनाथपुर गांव में वर्ष 2017- 18 में खड़ंजा का निर्माण व मरम्मत कार्य कराया गया था। जिसमें 144481 रुपए सरकारी धन राशि खर्च की गई थी। तथा इसके एवज में राहत ब्रिक फील्ड को 240936 रुपए का भुगतान किया गया था। निर्माण कार्य में खर्च की गई सरकारी धनराशि व राहत ब्रिक फील्ड को भुगतान की गई राशि से सम्बंधित पत्रावलियां जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सरकारी समितियां एवं एवं पंचायत (लेखा) को प्रस्तुत नहीं की गई। जिसकी वजह से खर्च की गई धनराशि का ऑडिट नहीं हो पाया। जिसके बाद मामला उत्तर प्रदेश विधानसभा की पंचायतीराज समिति से संबद्ध हो गया। इसके बाद मामले की समीक्षा के दौरान भी संबंधित अधिकारियों ने खर्च की गई धनराशि के सरकारी अभिलेखों व दस्तावेजों को ऑडिट समीक्षा के दौरान उपलब्ध नहीं करा सके। विकास व निर्माण कार्य में खर्च की गई सरकारी धनराशि के अभिलेखों की पुष्टि न करने पर समिति ने कड़ा रुख अपनाते हुए। संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने के आदेश दिए गए थे। खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया वर्ष 2017- 18 के ऑडिट के दौरान रघुनाथपुर गांव में कराए गए खड़ंजा के निर्माण व मरम्मत के कार्यों में व्यय की गई सरकारी धनराशि के भुगतान व व्यय संबंधी दस्तावेज एवं पत्रावलियां नहीं पाई गई। उस समय कार्यालय में लेखाकार के पद पर शिव नारायण मिश्रा व अशोक कुमार सोनकर कार्यरत थी। परंतु उन्होंने संबन्धित पत्रावलियां व व्यय की गई राशि के दस्तावेज जिला लेखा परीक्षा अधिकारी रायबरेली को नहीं भेजी। तथा संबंधित कर्मचारियों द्वारा लेखा कार्यों में लापरवाही बरती गई। तथा जानबूझकर सरकारी दस्तावेज कार्यालय से गायब कर दिए गए। जिसकी वजह से विकास कार्यों में व्यय की गई धन राशि की पुष्टि नहीं हो पाई। संबंधित अधिकारियों को बार बार निर्देशित करने के बावजूद भी व्यय संबंधी पत्रावलियां उपलब्ध नहीं करवा सके। जिसकी वजह से इनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गई है।वही कोतवाल का कहना है कि तहरीर के आधार पर अभियोग पंजिकृत किया गया है।

अनुज मौर्य/आशीष कुमार रिपोर्ट

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