Home उत्तर प्रदेश वाराणसी दशहरा के दिन दशानन का जन्मदिन भी

दशहरा के दिन दशानन का जन्मदिन भी

0
दशहरा के दिन दशानन का जन्मदिन भी

बनारस। विजयादशमी के दिन रावण दहन कर भले ही अधिकतर लोग अधर्म पर धर्म की जीत का जश्न मनाते हैं। ब्रह्म बाण नाभि में लगने के बाद रावण धराशाही हो गया। जिसके बाद भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा था कि रावण के पैरों की तरफ खड़े हो कर सम्मानपूर्वक नीति ज्ञान की शिक्षा ग्रहण करो, क्योकि धरातल पर न कभी रावण के जैसा कोई ज्ञानी पैदा हुआ है और न कभी होगा। रावण का यही स्वरूप पूजनीय है और इसी स्वरूप को ध्यान में रखकर रावण के पूजन का विधान है।

अधर्म पर धर्म की और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक रावण का व्यक्तित्व शायद ऐसा ही है कि हम सरेआम रावण को दोषी मानते हैं। उसका पुतला तालियों की गड़गड़ाहट के बीच जलाते हैं। रावण के चरित्र का दूसरा पहलू भी है, जिसके चलते उसकी पूजा भी कराता है।

प्रकांड विद्वान दशानन की पूजा उसके ज्ञान के लिए की जाती है। पूरे देश में विजया दशमी में रावण का प्रतीक रूप में वध कर उसका पुतला जलाया जाता है।

दशहरे के दिन ही रावण का जन्मदिन भी मनाया जाता है बहुत कम लोग जानते होंगे कि रावण को जिस दिन राम के हाथों मोक्ष मिला, उसी दिन रावण पैदा भी हुआ था।

रिपोर्ट- राजकुमार गुप्ता

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here