प्रतापगढ़। डेढ़ बर्षो में खमपुर गांव में मनरेगा योजना में निकाला गया 24 लाख रूपया। सबसे बड़ा सवाल क्या गांव से लेकर ब्लाक मान्धाता परिसर तक के जिम्मेदारो की मिली भगत से हो रहा है बड़ा खेल। मीडिया के कैमरे व सवाल का जबाव देने से मना क्यों करते हैं मनरेगा योजना के जिम्मेदार अफसर।
मनरेगा का काम कराया जाता है जेसीबी ट्रैक्टर से भुगतान होता है चहेते लेबरों के खाते में। रात में गरजती है जेसीबी दिन में पहुंचकर ब्लॉक मांधाता के मनरेगा सेल में होता है बड़ा गोलमाल। मनरेगा सेल ब्लाक मांधाता में लगता है दलालों का जमावड़ा।
मनरेगा योजना में ब्लॉक स्तर पर इनकी होती है जिम्मेदारी ग्राम प्रधान रोजगार सेवक तकनीकी सहायक ग्राम विकास अधिकारी एपीओ मांधाता संतोष कुमार खंड विकास अधिकारी अरुण कुमार की बड़ी जिम्मेदारी।
मनरेगा योजना के संचालन के लिए जिला स्तर पर डीसी मनरेगा की होती है बहुत बड़ी जिम्मेदारी डीसी मनरेगा दूरभाष पर कहते हैं कि शिकायत कराओ तो जांच होगी।
मांधाता ब्लॉक में शासन की गाइड लाइन का नहीं रहता है कोई मायने कमीशन बाजी के खेल में सारे नियम कायदे कानून ताक पर। मांधाता ब्लॉक के अंतर्गत संचालित है 101 ग्राम सभाएं इसके अलावा क्षेत्र पंचायत के निधि से होती है मनरेगा योजना में बडा कार्य।
रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा