Home उत्तर प्रदेश अयोध्या भगवान राम के जीवन-चरित्र से सीख लेने की ज़रूरत

भगवान राम के जीवन-चरित्र से सीख लेने की ज़रूरत

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भगवान राम के जीवन-चरित्र से सीख लेने की ज़रूरत

अयोध्या। बीकापुर विकासखड क्षेत्र के उमरनी पिपरी चौराहे पर आयोजित की जा रही 10 दिवसीय रामलीला मंचन के चौथे दिवस सोमवार की रात मुख्य अतिथि देवकाली मंदिर अयोध्या के महंत सुनील पाठक जी द्वारा फीता काटकर और दीप प्रज्वलित करके मंत्रोच्चारण के बीच किया शुभारंभ कराया गया।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने सामाजिक समरसता की भावना का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। और समाज में आदर्श स्थापित किया है। शबरी के जूठे बेर खाने के अलावा निषादराज केवट और सुग्रीव जी को भी गले लगाया है।

डॉ दिनेश तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान रामचंद्र जी के जीवन चरित्र एवं रामायण के आदर्श पात्रों के जीवन चरित्र से सीख लेने और उन्हें सामाजिक एवं व्यवहारिक जीवन में उतारने की जरूरत है।

रामलीला मंचन के चौथे दिन स्थानीय कलाकारों द्वारा राम वन गमन, केवट संवाद, श्रवण कुमार की कथा प्रसंग, भरत जी का चित्रकूट प्रस्थान आदि लीलाओं का जीवंत मंचन किया गया। साज सज्जा वेशभूषा और डायरेक्शन की जिम्मेदारी मोहम्मद जहीर तथा पूर्व प्रधान जितेंद्र वर्मा द्वारा निभाई गई।

मंचन के दौरान प्रबंधक विश्राम वर्मा, अध्यक्ष दिनेश वर्मा, कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश वर्मा, विकास पाठक सहित रामलीला समिति के लोग व्यवस्था बनाने में लगे रहे।

रामलीला समित के मीडिया प्रभारी राजेंद्र पाठक नेे बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोतवाली पुलिस भी मौजूद रही। रामलीला मंचन के दौरान कैकई मंथरा, राम केवट संवाद का प्रसंग काफी रोचक रहा।

श्रवण कुमार की कथा और भरत जी का भ्रात प्रेम प्रसंग का मंचन देख कर दर्शक भावुक हो गए। बताया कि भरत मिलाप और राम राज गद्दी के साथ रामलीला मंचन का समापन किया जाएगा।

-मनोज तिवारी

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