शबरी जलप्रपात का नाम बदलने से आदिवासी समाज में रोष, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

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चित्रकूट। प्रभास महासभा के संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष लवलेश विराग ने एसडीएम न्यायिक से भेंटकर मुख्यमंत्री सम्बोधित सौंपे ज्ञापन में कहा कि पाठा क्षेत्र के विख्यात शबरी जलप्रपात का नाम तुलसी प्रपात करने से आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है। आदिवासी समाज की आस्था व सम्मान को ध्यान में रखते हुए शबरी जलप्रपात नाम ही रखा जाये।

शनिवार को प्रभास महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लवलेश विराग की अगुवाई में मुख्यमंत्री सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम न्यायिक आकांक्षा सिंह को सौंपा गया। ज्ञापन में कहा कि पाठा क्षेत्र में शबरी जलप्रपात माता शबरी के नाम पर था। आदिवासी समाज की आस्था का केन्द्र शबरी प्रपात बदलकर तुलसी प्रपात करने से आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है। गोस्वामी तुलसीदास ज्यादातर भारतीयों के आदर्श हैं। उनके नाम से किसी को परेशानी नहीं है।

शबरी जलप्रपात के नाम से विख्यात आदिवासी समाज के लोगों की गहरी आस्था है। ऐसे में शबरी जल प्रपात के नाम परिवर्तन का कोई औचित्य नहीं था। इससे आदिवासी समाज की भावनाओं को ठेंस पहुंची है। लोगों में आक्रोश है। नाम परिवर्तन से भाजपा सरकार की छवि आदिवासी समाज में धूमिल हो रही है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि माता शबरी की रामभक्ति की महिमा आदिवासी समाज के प्रति उनकी गहरी आस्था को ध्यान में रखते हुए जलप्रपात का नाम पुनः शबरी जलप्रपात किया जाये। इस मौके पर नन्दकिशोर सिंह, आशीष पटेल, शिवपूजन कोल, अजीत कोल आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट: पुष्पराज कश्यप, चित्रकूट

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