अवैध अभिरक्षा में युवक की मौत के मामले में बड़ी कार्यवाही

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इंस्पेक्टर, 2 दरोगा व आरक्षियों के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज

घटना के 24 दिन बाद एसपी श्लोक कुमार ने दिखाई निष्पक्षता
रायबरेली-थाना लालगंज में बीती 30 अगस्त को पुलिस हिरासत में मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। नये एसपी श्लोक कुमार को जब वास्तविकता को पता चला तो उन्होंने अपने कामकाज की निष्पक्षता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए घटना के 24 दिन बाद लालगंज थाने में ही तत्कालीन इंस्पेक्टर हरीशंकर प्रजापति, दरोगा जेपी यादव व अरविन्द मौर्या तथा हमराही आरक्षी नाम अज्ञात के विरूद्ध क्राइम नम्बर-498/20 अन्तर्गत धारा-302, 330, 342, 504 भादवि दर्ज करा दिया है। इस मामले में पुलिस मोहित उर्फ मोनू नाम के दलित युवक को चोरी के आरोप में 26 अगस्त की रात्रि उठा लायी थी और 4 दिन अवैध हिरासत में रखकर उसकी नियमित पिटाई होती रही। परिजनों से मोहित को छुड़ाने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की गयी। यह बात मोहित की मां राजवती ने अपनी 31 अगस्त की एसपी को दी गयी तहरीर में अंकित कर रखा है। आश्चर्य यही है कि महिला के द्वारा लगाये गये खुले आरोप के बावजूद लालगंज पुलिस अपनी टीम को बचाने में जुटे रहे।यही चर्चा का विषय है कि लालगंज पुलिस का दलित युवक को 4 दिन तक अवैध हिरासत में रखना और उसके परिजनों से छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपये की अनुचित मांग करना, पुलिस हिरासत में दलित युवक की इस कदर पिटाई हुई कि वह बर्दाश्त नहीं कर सका और अन्ततः उसकी मौत हो गयी। फिलहाल पीड़ित परिवार 24 दिन बाद लिखी गयी आरोपी पुलिस वालों के विरूद्ध एफआईआर से सन्तुष्ट हुआ है। नये एसपी श्लोक कुमार को वादिनी राजवती दुआएं दे रही है। उसे उम्मीद है कि जिस तरह निष्पक्षता से रिपोर्ट दर्ज हुई है उसी तरह मामले की जांच और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही भी एसपी सुनिश्चित करायेंगे।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

Anuj Maurya

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