उत्तर प्रदेश सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए अमेठी कांग्रेस को कर रही बदनाम – प्रदीप सिंघल

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अमेठी– बीते दिन स्थानीय प्रशासन व पुलिस से मदद न मिल पाने से जामों थाना अंतर्गत पीड़ित परिवार की दो महिलाओं ने सूबे के मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाते-लगाते जब वेबश को कोई सहारा नही मिला तो मुख्यमंत्री योगी जी के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।

वर्तमान सरकार से सूबे के आहत आमजनमानस अपने को असुरक्षित तो मान ही रहा था लेकिन अब आकंठ भ्र्ष्टाचार,जुर्म से भयभीत लोग अब अपने न्याय की बात भी करने में डरते हैं ।

जबकि मामूली विवाद (नाली )का यदि समय रहते स्थानीय प्रशासन सत्ता के दबाव में काम न करता तो यह नौबत आज न आती ।

कल जब माँ बेटी ने आशमा 50, व गुड़िया 30, ने विवश होकर मजबूरन न्याय के लिये आत्मदाह करना चाहा तो अमेठी पुलिस अधीक्षक ने आनन फानन में थाना जामो प्रभारी रतन सिंह,दरोगा ब्रह्मानन्द यादव व सिपाही घनश्याम यादव को निलंबित करके इस बात को प्रमाणित किया कि समय रहते यदि अमेठी पुलिस उचित कार्यवाही करती तो, पीड़िता के मनबढ़ पड़ोसी अर्जुन, सुनील, राजकरन, राममिलन की बार-बार पिटाई की 9मई से आज तक न्याय पाने के लिए भटकने वाली माँ-बेटी शायद आत्मदाह न करती। कल के प्रकरण से शर्मसार योगी सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए कुत्सित षणयंत्र रचकर लोगों का ध्यान भटकाने और कांग्रेस को बदनाम करने के लिए जो मीडिया में बयान चल रहा है कि कांग्रेस व कांग्रेसी को आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप निराधार है अमेठी कांग्रेस से कोई लेना देना व कांग्रेस के कोई पदाधिकारी नही है । जबकि पीड़ित परिवार कई महीनों से न्याय के लिये भटक रहा है वही स्थानीय पुलिस प्रशासन ने धारा शांति भंग अंदेशा की खानापूर्ति तक सीमित रहा।

सरकार अपनी जिम्मेदारी भूलकर अमेठी के नाम पर प्रियंका गांधी जी की लोकप्रियता से घबड़ाकर अनावश्यक, तथ्यविहीन निराधार आरोप लगाना निंदनीय है।

उक्त घटना की जानकारी मिलते ही अमेठी कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल और लखनऊ के शहर अध्यक्ष मुकेश चौहान आज जब सिविल हॉस्पिटल लखनऊ पीड़िता की मदद व हाल चाल जानने पहुचे तो प्रशासन ने उन्हें पीड़िता से मिलने नही दिया गया।

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