केबीसी ने सामान्य ज्ञान को सभी पीढ़ियों के बीच लोकप्रिय बनाया

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रिपोर्ट – राकेश कुमार अग्रवाल

कहते हैं ज्ञान का कोई ओर – छोर नहीं है. जितना अध्ययन करते जाते हैं आपको समझ में आने लगता है कि आपका अध्ययन कुंए के उस मेढक के समान है . जिसे कुआ भी सागर की तरह लगता है .
छात्र कैरियर बनाने के लिए कोई न कोई एक विषय या एक क्षेत्र चुनकर उसमें विशेषज्ञता हासिल करते हैं . उसी के मुताबिक अपने जीवन की दिशा चुनते हैं . सरकारी सेवाओं में चुने जाने के लिए प्रतियोगियों को विभिन्न चरणों से गुजरना पडता है उनमें से एक चरण सामान्य ज्ञान का परीक्षण भी होता है .

सामान्य ज्ञान एक ऐसा विषय है जिसका न आदि है न कोई अन्त है . यह विषय हरि अनन्ता हरिकथा अनन्ता की तरह है . सामान्य ज्ञान या सामान्य अध्ययन का नाम जितना सामान्य सा नजर आता है दरअसल यह उतना ही विस्तृत और विशाल है . विषय के रूप में यह हाईस्कूल या सेकेण्डरी शिक्षा के बाद कहीं भी यह पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं होता लेकिन इस विषय से हर किसी को जीवन में दो चार होना पडता है .

सामान्य ज्ञान का आशय होता है कि आम जिंदगी या रोजमर्रा के जनजीवन से जुडी वो सामान्य जानकारियों जो हर किसी को मालूम होना चाहिए . लेकिन हकीकत यह है कि कल , आज और कल पर आधारित इस विषय में सभी विषयों की जानकारियां समाहित होती हैं . एक तरह से आप इसे ” मदर आफ आल सब्जेक्ट ” भी बोल सकते हैं .

सामान्य ज्ञान से जुडी सूचनायें और जानकारियाँ लगातार अपडेट हो रही हैं. इस तरह से देखा जाए तो यह विषय उतना सहज नहीं है जितना लगता है . आंकडों, तथ्यों और तारीखों को दिमाग में संजोना और वक्त आने पर उन्हें कुछ क्षणों में प्रस्तुत करना एक तरह से दिमागी कम्प्यूटर को क्लिक करना होता है . बहुत सारे लोगों को यह विषय उबाऊ भी लगता है .

लेकिन अमिताभ बच्चन द्वारा सामान्य अध्ययन पर आधारित टीवी शो कौन बनेगा करोडपति ने इस उबाऊपन को न केवल दूर किया बल्कि घर घर में बच्चों से लेकर बडे सभी केबीसी देखने बैठ जाते हैं . और प्रतिभागी के जवाब से पहले खुद जवाब दाग देते हैं.

केबीसी की सफलता को इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि १२ वें सीजन की शुरुआत हो चुकी है . ज्ञान आधारित कार्यक्रमों के लिए आज भी ज्यादातर दर्शक वर्ग डिस्कवरी , नेशनल ज्योग्राफिक , हिस्ट्री व प्लेनेट जैसे चैनलों को देखना पसंद करता है . भारतीय टीवी चैनलों पर पारिवारिक – फैमली ड्रामा या फिर मनोरंजन आधारित शोज ज्यादा देखे जाते हैं .

लेकिन कौन बनेगा करोडपति ने जानकारी परक शिक्षा और ज्ञान को मनोरंजक तरीके से परोस कर सफलता की नई कहानी रच डाली . हालांकि केबीसी भारतीय दिमाग की उपज नहीं बल्कि इंग्लैण्ड के मशहूर शो ” हू वान्ट्स टू बी ए मिलिनेयर ” का भारतीय संस्करण है . जिसकी शुरुआत स्टार प्लस चैनल पर सन 2000 में हुई थी .

केबीसी की सफलता में उसके प्रस्तुतकर्ता अमिताभ बच्चन के योगदान को नहीं नकारा जा सकता है . 80 वर्ष की उम्र में भी उनका जादू हर आयु वर्ग के लोगों पर सर चढकर बोलता है .

केबीसी से अमिताभ का जुडना न केवल इस शो की लोकप्रियता का कारण बना बल्कि इनामी धनराशि , लाइफ लाईन एवं अमिताभ बच्चन का जिंदादिली से भरपूर प्रस्तुतिकरण पूरे शो में रोचकता बनाए रखता है .

अमिताभ बच्चन का इस शो से जुडना उनकी मजबूरी भी था क्योंकि उनकी बनाई कंपनी एबीसीएल ( अमिताभ बच्तन कारपोरेशन लिमिटेड ) जो फिल्म और शो के निर्माण और मार्केटिंग में उतरी थी . फेल होकर 90 करोड के कर्ज में डूब गई थी . उनका बंगला प्रतीक्षा गिरवी रखा जा चुका था . उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं बचे थे . तब उन्हें उबारने में मदद की थी केबीसी ने . सन 2000 में प्रसारित हुए पहले सीजन के 85 एपीसोड से उन्होंने 15 करोड रुपए कमाए . तबसे शुरु हुई सफलता की कहानी चैनल और फार्मेट बदलने के बावजूद लगातार जारी है .

महज 15 सवाल के जवाब देकर कोई भी प्रतिभागी करोडपति बन सकता है . लेकिन हाॅट सीट तक पहुंचना , वहां के दवाब को दरकिनार कर सही जवाब देना हर किसी के लिए सहज नहीं होता है . तारीफ उस टीम की भी जरूर होनी चाहिए जिसने क्वेश्चन बैंक तैयार किया है . सरल से कठिन सवालों की ओर बढता यह फार्मेट टीवी से चिपक कर बैठकर देखना जितना आसान लगता है बतौर एक कंटेस्टेन्ट ( प्रतिभागी ) हाॅट सीट पर बैठकर जवाब देना उतना ही भ्रमित और संशय में डाल देने वाला होता है . सबसे अच्छी बात यह है कि केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रतिभागी ही नहीं गृहणी व नौकरीपेशा लोग भी उतनी ही तैयारी के साथ अपने ज्ञान से ज्यादा से ज्यादा रकम जीतने की कोशिश करते हैं .

इस शो की सफलता बताती है कि शानदार प्रस्तुतिकरण व रोचकता के साथ ज्ञान की भी बातें की जाएं तो उसे भी दर्शक देखना पसंद करते हैं . अगर आप भी अपने ज्ञान को परिमार्जित करना चाहते हैं तो लगातार पढिए . सूचनाओं एवं जानकारियों को आत्मसात करते जाइए . केवल इसलिए नहीं कि आपको करोडपति बनना है बल्कि इसलिए भी कि आपको ज्ञानवान बनना है . क्योंकि सिर्फ ज्ञान ही आपको अपना हक दिलाता है .

Rakesh Kumar Agrawal

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