कोरोना कर्फ्यू के दौरान कैसे मिली मोरारी बापू को कथा की अनुमति

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कन्नौज पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी अतुलेशानंद ने विवादित कथा वाचक मोरारी बापू को बताया धूर्त कोरोना कर्फ्यू के दौरान चित्रकूट के आरोग्यधाम में कैसे मिली कथा की अनुमति

कथा आयोजन को लेकर डीआरआई पर भी सवालिया निशान खड़े किए

रिपोर्ट – संदीप रिछारिया

धर्मक्षेत्र। कन्नौज पीठाधीश्वर जगद्गुरू चित्रकूट के जानकीकुण्ड रामनगर स्थित आनंद धाम आश्रम के महंत स्वामी अतुलेशानंद ने विवादित श्रीराम कथा प्रवक्ता मोरारी बापू को धूर्त करार देते हुए कोरोना कर्फ्यू के दौरान चित्रकूट के आरोग्य धाम में कथा की अनुमति मिलने पर प्रशासन की कार्यकुशलता पर प्रश्न चिंह खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब लाकडाउन के दौरान पुलिस व प्रशासन गरीब व्यक्तियों का घर से निकलने पर चालान काटकर पैसा वसूल करने के साथ ही डंडे चटकाकर घरों में बंद रहने के लिए मजबूर कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कर्फ्यू के दौरान सैकड़ों लोगों की मौजूदगी के साथ श्रीरामकथा की अनुमति कैसे दी गई। उन्होंने आयोजन स्थल आरोग्यधाम की मुख्य संस्था डीआरआई पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि इस महामारी के दौर में डीआरआई के कर्ताधर्ताओं ने इस आयोजन की अनुमति कैसे दे दी।
जगद्गुरू स्वामी अतुलेशानंद ने मुरारी बापू के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि मुरारी बापू ने हिन्दुओं के आराध्य योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के बारे में बहुत ही गंदे आरोप लगा कर हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने का काम किया था। मुरारी बापू के द्वारा श्रीराम कथा को कमाई का जरिया बना कर, कथा के जरिए होने वाली कमाई से मुसलमानों के लिए स्कूल,कालेज मस्जिद और मदरसे बनवाने की बात की जाती है। उन्होंने मुरारी बापू को शास्त्रार्थ करने की चुनौती देते हुए कहा कि आज चित्रकूट के सभी साधु संत,महंत,मठाधीश महामंडलेश्वर और जगद्गुरु कहा चले गए। वह सब क्यों नहीं मुरारी बापू का विरोध करते हैं जिसने हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्री योगेश्वर कृष्ण के बारे में गंदी बातें की। जगद्गुरू अतुलेशानंद ने सतना जिला प्रशासन के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि आखिरकार जब इस समय चार लोगों के साथ बैठने, साथ मिलकर चलने और सभी सामाजिक, धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है,तब फिर कैसे कोरोना कर्फ्यू के दौरान प्रशासन ने मुरारी बापू को कथा करने की अनुमति प्रदान कर दी। स्वामी अतुलेशा नंद ने कहा कि वो इस मामले में अखाड़ा परिषद से बात करके मोरारी बापू के खिलाफ आवाज उठाएंगे।

उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में संघ के साथ ही प्रधानमंत्री व गृह मंत्री को पत्र लिखकर पूंछेंगे कि क्या कोरोना सिर्फ गरीब लोगों पर अटैक करता है, लाकडाउन और कफयू सिर्फ गरीबों के लिए ही है। उन्होंने कहा कि संघ के बड़े नेताओं को जल्द ही खुल पत्र लिखकर यह पूछेगे कि क्या विवादित कथा वाचक ने प्रधानमंत्री से इस कार्यक्रम की अनुमति ले ली है कि जिससे वह सैकडों लोगों को रोज राम कथा सुना रहे हैं।

Sandeep Richhariya

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