राजीव मिश्रा ने पेश की सेवा-समर्पण और सहयोग की अनोखी मिसाल

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लखनऊ “नहि दरिद्र सम दुःख जग माही” और “परहित सरिस धर्म नहीं भाई” इन दो अर्धालियों में बाबा तुलसीदास जी ने मानस में गरीबों को सबसे बड़ा दुख बताया है, साथ ही गरीबों के प्रति समर्पण व सहानुभूति को सबसे बड़े धर्म के रूप में परिभाषित किया है। काश! ऐसे मानवीय चिंतन को तो समाज में गरीब और गरीबी समाप्त हो जाने की परिकल्पना साकार हो जाती है….. जिन लोगों की परोपकारी सोच व गरीबों के प्रति समर्पण के दम पर मानवता और इंसानियत जैसे शब्दों का वजूद बचा हुआ है उनमें भारतीय जनता पार्टी के नेता युवा समाजसेवी राजीव मिश्रा के जन हितैषी सेवा भाव का जिक्र होना लाजमी है।

कोरोना की दूसरी लहर में भी ममता चैरिटेबल ट्रस्ट ने की लोगों की दिल खोलकर मदद

स्व. पंडित अटल बिहारी बाजपेई की सौम्यता और लालजी टंडन की सेवा भावना को आत्मसात कर राजीव मिश्रा जनसेवा में जुटे हुए हैं। उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी के नाम से बाकायदा चैरिटेबल ट्रस्ट बना रखा है। कोरोना की दूसरी लहर में इस ट्रस्ट ने प्रदेश भर में न केवल पीड़ित व परेशान लोगों की मदद की बल्कि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के माध्यम से प्राणवायु उपलब्ध कराकर सैकड़ों मरीजों को नई जिंदगी दी। श्री मिश्रा ने छोटी सी मदद के बदले सिर्फ फोटो खिंचवाने वाले नेताओं के समक्ष समाजसेवा का अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत किया है।

कहीं पहुंचाया ऑक्सीजन सिलेंडर तो कहीं वितरित की वेपराइजर मशीन व दवाइयां


जिस समय लोग कोरोना की दहशत से अपने घरों में दुबके बैठे थे उस समय समाजसेवी व भाजपा नेता राजीव मिश्रा और उनका ‘ममता चैरिटेबल ट्रस्ट‘ सैकड़ो निःस्वार्थ समर्पित सहयोगियों के माध्यम से लोगों को दवाएं, ऑक्सीजन और जीवनोपयोगी समान पहुंचा रहे था। यह ट्रस्ट श्री मिश्रा ने अपनी पत्नी की याद में बनाया है। इससे वह लगातार दीन-दुखियों की सेवा व मदद कर रहे हैं। कोरोना की पहली लहर में भी राजीव मिश्रा ने लोगों की दिल खोलकर मदद की।

कभी गरीबों के चूल्हे जलवाने के लिए दिनभर की दौड़ भाग तो कभी मरीजों को भर्ती कराने के लिए रात भर जद्दोजहद

भोजन से लेकर हर वह संसाधन उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति को उपलब्ध कराए जो उस समय की जरूरत थी। कोरोना की दूसरी लहर ने तो सारे जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। लोग दहशत में खौफजदा थे। घर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। उस समय राजीव मिश्रा और उनका चैरिटेबल ट्रस्ट लोगों की मदद में जुटा था। लाचार, पीड़ित, परेशान और बीमार लोगों के लिए संसाधन जुटा रहा था। राजीव मिश्रा कहीं लोगों को ऑक्सीजन पहुंचा रहे थे तो कहीं दवाइयां। कभी वह रोज कमा कर खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों के घरों में ठंडे पड़े चूल्हों को जलाने के लिए दिन भर दौड़ भाग कर उन्हें राशन व रोजमर्रा की जरूरतों का सामान पहुंचाते तो कभी मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए रात-रात भर जद्दोजहद करते।

कोरोना जैसे क्रूर काल से खुद बेपरवाह राजीव मिश्रा का उस समय एक ही उद्देश्य था उन लोगों की जिंदगियां बचाना जो मौत से जूझ रहे हैं। लोगों की सेवा में करोड़ों रुपए का सामान वितरित कर चुके राजीव मिश्रा पंडित अटल बिहारी बाजपेई और बहु चर्चित जन नेता लालजी टंडन को सेवा में अपना आदर्श मानते हैं। लखनऊ निवासी राधेश्याम से जब ममता चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक और कार्यों के बारे में रिपोर्ट्स टुडे ने बात की तो उन्होंने बताया लालाजी टंडन के बाद लखनऊ में हमारी समस्या सुनने वाला कोई नही बचा था। यहां तक कोरोना के इस भयावह माहौल में नेताओ और अधिकारियों ने खुद को कोरोनटीन कर लिया था। ऐसे वक्त में राजीव मिश्र देवदूत बन कर जिंदगी बचाने आये। सफाई कर्मी पूनम ने बताया कि भईया ने सिर्फ मदद ही नही की बल्कि कोरोना से बचने के तरीके भी सुझाये।

जनसेवा को अपना कर्तव्य मानने वाले राजीव मिश्रा के अनुसार उनके आदर्श पंडित अटल बिहारी वाजपेई भारतीय राजनीति में आदर्शों और मूल्यों को स्थापित करने वाले राजनेता थे। उनके कार्यों के कारण ही उन्हें भारत के ढांचागत विकास का दूरदृष्टा कहा जाता है। श्री बाजपेई के लिए जन हित ही जीवन पर्यंत सर्वोपरि रहा है। माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके उच्च आदर्श मूल्यों की ही राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालजी टंडन का सरल और सहज व्यक्तित्व आज भी हमें प्रेरणा देता है।

अपनी सियासी कटुता को उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत जीवन में हावी नहीं होने दिया। ऐसे ही महान नेताओं से मुझे जनसेवा की प्रेरणा मिली है। ममता चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के अंतिम व्यक्ति को मदद पहुंचाने के लिए तत्पर है जो वास्तव में पात्र है। राजीव मिश्रा ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी है और इस महामारी से सरकार अकेले नहीं निपट सकती। इसके लिए समाज को भी आगे आना होगा। उन्होंने लोगों से महामारी के संबंध में सरकार के निर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने यहां तक कहा कि भले ही अनलॉक शुरू हो गया है लेकिन नागरिक एहतियात बरतना ना छोड़ें जब आवश्यक हो तभी घर से बाहर जाएं।

Mahendra

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