जमाना लाइन में लगने का नहीं ऑनलाइन होने का है रेड ब्रिगेड ट्रस्ट की लड़कियां और एसिड पीड़िता हो रही है स्मार्ट

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  • डिजिटल, आनलाइन, पेपर लेस पर तीन दिवसीय जागरूकता शिविर के दूसरे दिन विभिन्न पोर्टल ऐप शोसल मीडिया का दिया गया प्रशिक्षण

  • जमाना ‘लाइन’ में लगने का नहीं रहा, आनलाइन’ होने का आ गया है- राजकुमार गुप्ता

रिपोर्ट राजकुमार गुप्ता वाराणसी

वाराणसी: राशन वितरण और पेंशन, आवास, बिलपे से लेकर शिकायत तक सभी काम पेपरलेस तरीके से किए जा रहे हैं. आधार कार्ड के लिए एप्प, बैंक के लिए एप्प, मैसेजिंग के लिए एप्प और न जाने किस-किस तरह की एप्प हम डाउनलोड करते हैं। जिसके मद्देनजर एसिड पीड़िताओं, सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं और रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के युवतियों को डिजिटलीकरण, आनलाइन पेपरलेस शिकायत, सुझाव के विभिन्न एप से परिचित कराने के लिए रेड ब्रिगेड ट्रस्ट और आशा ट्रस्ट के ओर से आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर कार्यशाला के दूसरे दिन शुक्रवार को फेसबुक, इंट्राग्राम, ट्वीटर, जीमेल, गूगल मैप, गुगल सर्च, डाटा एनालिस, फ्लीकार्ट, अमेजन, पीजी, आईजीआरएस, यूपीकाप, आरोग्य सेतू, आरटीआई, आरटीई, भूलेख, ई-कोर्ट एवं सरकारी जन पोर्टलों सोशल मीडिया, पेपरलेस के विभिन्न प्लेटफॉर्म की तकनीक स्वरूप के बारे में जानकारी ट्रेनिंग दी गई।

बतौर प्रशिक्षक सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने युवाओं के भविष्य के लिए सोशल मीडिया की उपयोगिता पर कार्यशाला में पूर्वांचल के वाराणसी, मऊ, इलाहाबाद, गाजीपुर, जौनपुर आदि जिलों के कार्यकर्ता को सोशल मीडिया, डीजिटल, आनलाइन, पेपरलेस शिकायत सुझाव आदि एप के बारे अहम जानकारियां बहुत बेहतरीन तरीके से उपस्थित प्रतिभागियों को समझाया और कहा कि जमाना लाइन में लगने का नहीं अब ऑनलाइन होने का है।

इस कार्यशाला में भाग ले रहें लोगों को बताया गया कि आप कैसे घर बैठे अपनी शिकायत और सुझाव पीएम से लेकर सीएम तक पहुंचा सकते हैं। अलावा रोजमर्रा की जरूरतें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विभिन्न एप्स के माध्यम से घर बैठे सरल और आसानी से पूरी कर सकते हैं।

इससे उन्‍हें अपनी समस्या की शिकायत व सुझाव के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। पेपरलेस सिस्टम के तहत सभी विभागों की ऑनलाइन शिकायतें घर बैठे मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट के जरिए दर्ज कराई जा सकती है। इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत खिलौनेनुमा कलाकृति संविधान घर पर भी संक्षेप में चर्चा किया गया कहते हैं कि हर कोई संविधान को बचाने की बात कर रहा है लेकिन संविधान असल में क्या कहता है इसके बारे में लोगों को अधिक जानकारी ही नहीं है बताया कि इन घर के द्वार पर स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का फलसफा है, जो भारत के संविधान की बुनियाद तैयार करता है। खिड़कियों पर मौलिक अधिकार से लेकर संविधान की तमाम धाराओं के बारे में जानकारी लिखी हुई है। घर की छत पर राष्ट्रगान के साथ गुरुदेव रवीन्द्रनाथ नाथ टैगोर की तस्वीर दिखती हैं और नागरिकों के मूल कर्तव्यों के बारे में भी बताया गया है। बंधुत्व की भावना दिखाती घर की दीवारों पर सभी धर्मों के नागरिकों की तस्वीरें भी हैं। इस दौरान अजय पटेल, राजकुमार गुप्ता, वाराणसी से बदामा देवी, सुमन कुमारी, आस्था कुमारी, मऊ से नग्मे इरम खान, इलाहाबाद से संगीता पटेल, गाजीपुर से प्रियंका भारती, प्रीति सरोज, जौनपुर से सन्नो सोनकर आदि लोग शामिल रहे।

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