दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार शिवा अवस्थी को मिलेगा कर्पूर चन्द्र (केसी) कुलिश अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार

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  • घाटमपुर क्षेत्र के हथेई के मूल निवासी शिवा को मिले सम्मान से अभिभूत बुंदेलखंड और उप्र

  • कानपुर में रहकर 23 वर्षों से कर रहे हिंदी पत्रकारिता, खोजी खबरों के लिए खास पहचान

  • उपराष्ट्रपति, राज्यपाल के हाथों समेत अब तक मिल चुके दो दर्जन से अधिक पत्रकारिता सम्मान

  • 2007 से दुनिया की सर्वोत्तम पत्रकारिता के लिए मिल रहा 11 हजार अमरीकी डॉलर का अति प्रतिष्ठित पुरस्कार

रिपोर्ट – संदीप रिछारिया

कानपुर : दैनिक जागरण कानपुर के वरिष्ठ उपसंपादक और ढाई साल तक बुंदेलखंड के चित्रकूट में दैनिक जागरण के जिला प्रभारी रहे वरिष्ठ पत्रकार शिव स्वरूप अवस्थी ‘शिवा‘ को जयपुर राजस्थान पत्रिका की ओर से उत्कृष्ट पत्रकारिता को लेकर दिया जाने वाला 11000 अमरीकी डॉलर पुरस्कार राशि का कर्पूर चंद्र कुलिश (केसीके) अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार (केसी कुलिश इंटरनेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म मेरिट अवार्ड) वर्ष 2018 के लिए देने की घोषणा 20 मई को देर रात हुई है। वर्ष 2019 के लिए भी अवार्ड घोषित किए गए हैं। यह अवार्ड राजस्थान पत्रिका के संस्थापक कर्पूर चन्द्र कुलिश की स्मृति में वर्ष 2007 से दिया जा रहा है। ये सिर्फ शिवा अवस्थी या कानपुर ही नहीं, बल्कि पूरे बुंदेलखंड और उत्तर प्रदेश के लिए गौरवशाली उपलब्धि है। अवार्ड जल्द ही समारोह आयोजित कर दिए जाएंगे।

दैनिक जागरण में चित्रकूट धाम बुंदेलखंड प्रभारी रहते हुए शिवा अवस्थी ने वर्ष 2018 में 15 जुलाई से 22 अगस्त तक *बदहाली पाठा की* के नाम से लगातार 38 दिन का समाचारीय अभियान चलाया था। इसमें बुंदेलखंड में मिनी चंबल घाटी के रूप में पहचान रखने वाले मानिकपुर व मऊ तहसील के पाठा इलाके में लाखों के इनामी डकैतों के खौफ के बावजूद चुनौतीपूर्ण रिपोर्टिंग करते हुए उन्होंने करीब 110 ग्राम पंचायतों में रहने वाले पौने दो लाख कोल आदिवासियों की समस्याएं उठाई थीं। उन्हें धमकियां मिलीं पर वह डिगे नहीं। लगातार पहाड़ों और बियाबान जंगलों के बीच घूमकर उनकी कलम चलती रही। उनकी रिपोर्टिंग के बाद केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार ने वहां अरबों रुपये से विकास कार्य कराए। तमाम सड़कें बनीं, काफी हद तक पेयजल संकट दूर हुआ। पाठा क्षेत्र का मप्र और उप्र में सात लाख से अधिक का इनामी अंतिम डकैत बबुली कोल भी मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। उसके गैंग का भी सफाया हो गया। शिवा की पत्रकारिता से विकास की नई राह खुली। शिवा को उस समय 2019 में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने विकासपरक पत्रकारिता की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था।

खबरनवीस का काम समाज की अच्छी व बुरी बातों को सबके सामने लाना है। समस्याओं के साथ ही सकारात्मक पहलुओं पर अपनी कलम चलाना है। स्वभाव से अलमस्त, यारों का यार, फक्कड़ स्वभाव के शिवा को जैसे ही अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार मिलने की घोषणा हुई तो बधाइयों का तांता लग गया। जिस चित्रकूट जिले को आज तक कानपुर के अखबारों के बड़े संपादकों ने सी ग्रेड का मानकर काम चलाऊ दर्जा दे रखा हो, वहां पर वरिष्ठ उप संपादक शिवा का होना अपने आपमें खास बन गया।

शिवा ने अपनी खासियत को सिद्व भी किया। उन्होंने दिखाया कि पत्रकारिता किसे कहते हैं और कैसे की जाती है पत्रकारिता। उन्होंने यहां पर काम कर रहे सभी पत्रकारों को यह दिखाया कि जगह कोई भी छोटी या बड़ी नही होती। अगर आपके अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो आप बड़ी मंजिले तय कर सकते हैं। हमारी पूरी टीम की तरफ से शिव स्वरूप अवस्थी शिवा को हार्दिक मंगलकामनाएं। इस उम्मीद के साथ कि यह तो कामयाबी की एक सीढ़ी भर है, मंजिलें मकसूद का रास्ता अभी और चलना है। पुरस्कार मिलने पर जिम्मेदारी भी बढ़ती है मेरे दोस्त, अपनी कलम को यूं ही चलाते रहना।

कानपुर नगर की घाटमपुर तहसील के गांव हथेई में जन्में शिव स्वरूप अवस्थी शिवा ने यह सिद्व कर दिया कि प्रतिभा को ज्यादा दिन तक बांधकर रखा नही जा सकता। इ़त्र की खुशबू तो फैलेगी ही। कानपुर से कन्नौज व फिर चित्रकूट आए शिवा। चित्रकूट को उन्होंने अपनी आंखों से अपने तरीके से देखा। फिर क्या जंगल, पहाड़ों की वादियों में घूमकर अपनी प्रस्तुतियों के जरिए स्थानीय लोगों के दिलों में जगह बनाई।

जहां एक तरफ उन्होंने चित्रकूट की पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक प्रस्तुतियां देकर विश्व के लोगों को यहां की विशेषताएं बताने का प्रयास किया, वहीं समस्यात्मक खबरों को भी अपने तरीके से परोसा। शिवा की नजर में चित्रों का दर्शन ही चित्रकूट है, और इस जिले में विविध तरह के चित्रों का दर्शन भी बखूबी होता है। प्रचुर धन संपदा वाले इस इलाके में एक ओर जहां पर धार्मिक और पौराणिक स्थलों की भरमार है, वहीं दूसरी ओर गरीबी से जूझते कोल आदिवासी भी हैं। परिस्थितिजन्य समस्याएं हैं तो दादू और दबंग की परिभाषाएं अब भी मिल ही जाती हैं। पानी, बिजली व सड़क, शिक्षा व रोजगार की समस्या लगातार बनी है। वह कहते हैं कि हमने हमेशा सकारात्मक पत्रकारिता में विश्वास किया और वही कर रहे हैं। विकास को लेकर जिन खबरों को लिखा गया था, उन्हीं खबरों पर यह पुरस्कार मिला है। पिछले 23 सालों से पत्रकारिता में फक्कड़ता का जीवन जी रहे शिवा का यह पहला प्रयास नहीं, इसके पहले कानपुर, कन्नौज में भी ऐसी प्रस्तुतियां लोगों के जेहन में ताजा हैं।

शिवा अवस्थी ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे ही कीर्तिमान गढ़ने व सभी का स्नेह पाने की कोशिश करता रहूंगा। युवा पत्रकार कुछ अलग करने की सोच रखकर कदम आगे बढ़ाएं। किसी तरह की समस्या व कठिनाई पर रिएक्शन के बजाय एक्शन मोड में आकर और बेहतर करें। बदलाव तय है। इससे कुछ दिन में आप खुद को स्थापित कर सकेंगे।

निर्णायक मंडल में ये रहे शामिल

देश और पूरे विश्व से आई हजारों प्रविष्टियों के बीच फैसला हुआ।

निर्णायक मंडल में पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व आर्मी कमांडर अरुण साहनी, ब्रिटेन के लेखक मार्टिन गुडमेन, लोक नीति विशेषज्ञ विक्रम मेहता, अमूल समूह के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी, राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी थे।

प्रोफाइल

नाम – शिव स्वरूप अवस्थी

उपनाम – शिवा अवस्थी

पिता का नाम – स्वर्गीय राम औतार अवस्थी।

माता का नाम– श्रीमती संतोष देवी

भाई-भाभी -राम लखन अवस्थी-रेखा अवस्थी

पत्नी : श्रीमती पूजा अवस्थी
बच्चे : अभिन्न अवस्थी व आराध्य अवस्थी

संप्रति – वरिष्ठ उप संपादक, दैनिक जागरण कानपुर संस्करण।

पत्रकारिता अनुभव – 23 वर्ष।

जन्म स्थल – ग्राम व पोस्ट हथेई, घाटमपुर कानपुर नगर।

जन्म तिथि – 10 सितंबर 1976

अब तक मिले अवार्ड

–2019 प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (भारतीय प्रेस परिषद) की ओर से विकासपरक पत्रकारिता श्रेणी में नेशनल अवार्ड्स फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म(राष्ट्रीय उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार) से उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू व केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के हाथों पुरस्कृत।

-प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्रीराम नाईक के हाथों से संस्कार रत्न अवार्ड।

-दो बार यूपी के लोकायुक्त से निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के लिए पुरस्कृत।

-पॉलीथिन के खिलाफ समाचारीय अभियान पर कानपुर जिला प्रशासन की ओर से पर्यावरण मित्र सम्मान।

-कानपुर प्रेस क्लब की ओर से सोहन वर्मा स्मृति सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टिंग सम्मान।

-कन्नौज में डॉ अनुभव तिवारी स्मृति पत्रकारिता पीठ की ओर से सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टर सम्मान।

-जयपुर में इंद्रप्रस्थ एजुकेशन रिसर्च एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से इंडियन ग्लोरी अवार्ड-2019

-समय-समय पर तमाम समाजसेवी संस्थाओं की ओर से पुरस्कृत।

कार्यवृत

–2004 से 2009 तक दैनिक जागरण में संवाददाता, कानपुर दक्षिण व रामादेवी कार्यालय प्रभारी।

–वर्ष 2011 से जून 2013 तक जनसंदेश टाइम्स में कानपुर सिटी इंचार्ज।

–2013 से दैनिक जागरण में कानपुर सिटी में सीनियर रिपोर्टर।

–2016 से 2018 जून तक दैनिक जागरण कन्नौज संस्करण में जिला प्रभारी।

–2018 जून से अब तक दैनिक जागरण चित्रकूटधाम बुंदेलखंड में प्रभारी।

इसके साथ जनसत्ता एक्सप्रेस, नगर छाया, खोजी नारद, लोकभारती समेत कई अखबारों में 2004 से पहले काम किया।

Sandeep Richhariya

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