नरेन्द्र मोदी के नाम पर स्टेडियम के नामकरण ने दिया विवादों को जन्म

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अहमदाबाद से राकेश कुमार अग्रवाल
भारत और इंग्लैण्ड के बीच तीसरे टेस्ट मैच के शुरु होने के पहले ही गुजरात में राजनीति का नया खेल शुरु हो गया है जिसका असर पूरे देश पर पडना तय है . सरदार वल्लभभाई पटेल मोटेरा स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर किए जाने ने तमाम नए विवादों को जन्म दे दिया है . ट्विटर पर नरेन्द्र मोदी के समर्थन और विरोध में ट्वीट की बाढ आ गई है .
राजनीति में प्रतीकों व प्रतिमानों को गढने की परम्परा रही है . निर्विवाद रूप से गांधी परिवार इस मामले में देश में सिरमौर रहा है . यूपी में तो इन प्रतीकों को गढने की होड मची हुई है . बसपा की मायावती व सपा के मुलायम सिंह व अखिलेश यादव ने भी प्रतिमानों को खूब गढा है . भाजपा भी उसी राह पर पीछे नहीं है . पं. दीनदयाल उपाध्याय , श्यामाप्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी के बाद अब स्वयं प्रधानमंत्री के नाम पर स्टेडियम के नामकरण से कांग्रेस को बैठे ठाले भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने का बडा मुद्दा मिल गया है . गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर नामकरण करने का स्वागत करते हुए कहा कि वे खेलो इंडिया और फिट इंडिया अभियान के प्रणेता हैं एवं उनके नाम पर स्टेडियम का नामकरण करना सर्वथा उचित है . वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवडिया ने स्टेडियम का नाम सरदार पटेल साहब के नाम को हटाकर नरेन्द्र मोदी के नाम पर करने को इसे भारतीय संस्कृति और सरदार साहब का अपमान बताया है . उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि लोकशाही में देशों में जीवित व्यक्ति का स्मृति भवन बनाने की परम्परा नहीं है . उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि सरदार पटेल की जगह मोदी का नामांकन भाजपा को महंगा पडेगा . गुजरात की चर्चित हस्ती भावेश सी पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि उन्होंने तो खुद कुछ बनवाया नहीं है जो पिछली सरकारों का बनवाया है उसे बेचते आए हैं . सरदार पटेल का नाम हटाकर अपना नाम लिखाना यह पटेल साहब का अपमान है . इसकी जितनी निंदा की जाए कम है .
आजाद भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को कांग्रेस से हथियाकर अपनी ब्रांडिंग करने वाली भाजपा के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर स्टेडियम का निर्माण राज्य की राजनीति में भारी पड सकता है . बशर्ते यह इस बात पर निर्भर करेगा कि इस विषय को मुद्दा बनाकर कांग्रेस जनता की कितनी सहानुभूति अपने पक्ष में बटोर पाती है . गुजरात में मोदी अभी भी बडा फैक्टर हैं ऐसे में मोदी बनाम पटेल की राजनीति भी शुरु हो सकती है .

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