पिच को लेकर विवाद चोली दामन का साथ

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राकेश कुमार अग्रवाल

नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में महज दो दिन से कम समय में तीस विकेट गिरने के बाद पिच को लेकर बहस फिर से शुरु हो गई है . क्रिकेट में यह परम्परा रही है कि मेजबान देश अपने अनुरूप पिचों का निर्माण कराता है . इंग्लैण्ड , आस्ट्रेलिया में जहां तेज पिचें बनाई जाती हैं वहीं भारतीय उप महाद्वीप में स्पिनर के अनुकूल टर्निंग विकेट बनाने की परम्परा है . इंग्लैण्ड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने अहमदाबाद की पिच देखकर मैच शुरु होने के पहले ही आशंका जता थी . पिच दूसरे दिन ही धूल उडा रही थी . दूसरे दिन मैच शुरु होने के कुछ समय बाद ही मैच रोककर पिच से मिट्टी हटाने के लिए ग्राउंडमैन को बुलाना पडा था . पिच स्पिनरों के अनुरूप थी इसका अंदाजा इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि दूसरी पारी में अक्षर पटेल और अश्विन ने लगातार 15 -15 ओवर गेंदबाजी की . वाशिंगटन सुंदर महज 4 गेंद ही फेक सके . इंग्लैण्ड की ओर से भी जैक लीच और जो रूट ने गेंदबाजी कि मोर्चा संभाल रखा था . चेन्नई के चेपक स्टेडियम में भी पिच को लेकर ऐसा ही विवाद हुआ था .

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